Bihar Vidhansabha session 2025: प्रेम कुमार बने निर्विरोध बिहार विधानसभा के 18वें अध्यक्ष, सदन में बीजेपी की मजबूत पकड़, 6 नवनिर्वाचित विधायकों ने ली शपथ, मोकामा के जदयू विधायक अनंत सिंह बाद में लेंगे शपथ
Bihar Vidhansabha session 2025: बिहार विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार को निर्विरोध 18वें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
Bihar Vidhansabha session 2025: बिहार विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार को निर्विरोध 18वें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया। प्रेम कुमार ने 1 दिसंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था और किसी अन्य उम्मीदवार ने इस बार मैदान नहीं भरा। एनडीए में उनके नाम पर पहले से सहमति बनी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया। सीएम ने पूरे सदन की ओर से प्रेम कुमार का अभिनंदन किया ।

सदन की का कार्यवाही शुरु होते हीं मदन सहनी, विनय बिहारी, जीवेश कुमार, केदारनाथ सिंह, डॉ सुनील कुमार, ने शपथ ली।जीवेश कुमार ने संस्कृत में शपथ ली।विनय बिहारी ने भोजपुरी में बोलनाशुरु किया तो अध्यक्ष ने टोका. विनय बिहारी ने कहा कि गायक बन कर ही सदन के सदस्य बने हैं।कुचायकोट से नवनिर्वाचित विधायक अमरेंद्र पाण्डेय और मोकामा से नवनिर्वाचित विधायक अनंत सिंह ने आज शपथ नहीं लिया है। दो सदस्यों ने आज शपथ नहीं लिया।
विधानसभा अध्यक्ष बनते ही डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वे सदन का संचालन विधानसभा की नियमावली और प्रक्रिया के अनुसार करेंगे और सभी दलों का सहयोग सुनिश्चित करेंगे। इस बार विधानसभा में 100 से अधिक नए सदस्य निर्वाचित हुए हैं, जिन्हें प्रश्नकाल, शून्यकाल, तारांकित एवं अतारांकित प्रश्नों की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
डॉ. प्रेम कुमार गया से लगातार नौवीं बार विधायक चुने गए हैं। 1990 में पहली बार विधायक बने, इसके बाद 1995, 2000, 2005 (फरवरी और अक्टूबर), 2010, 2015, 2020 और 2025 में उन्होंने लगातार जीत हासिल की। उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली नेता के रूप में है। उन्होंने बिहार सरकार में 2005 से 2024 तक 10 विभागों की जिम्मेदारी निभाई है, जिनमें कृषि, पथ निर्माण, नगर विकास, सहकारिता और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं।
प्रेम कुमार के अध्यक्ष बनने के बाद विधान परिषद और विधानसभा के दोनों प्रमुख पद—सभापति और विधानसभा अध्यक्ष—पर बीजेपी का कब्जा हो गया है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता आनंद किशोर यादव के पास थी, वहीं विधान परिषद में सभापति की कुर्सी पर अवधेश नारायण सिंह बने हुए हैं।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया है, जबकि जदयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हम को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिलीं। एनडीए इस बार 202 सीटों के साथ मजबूत बहुमत में है, जबकि विपक्ष केवल 35 सीटों तक सिमट गया है। यह 2010 के बाद दूसरी बार है जब एनडीए को 200 से अधिक सीटों पर विजय मिली है।
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का संचालन प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव की अध्यक्षता में हुआ। डॉ. प्रेम कुमार के अध्यक्ष बनने के साथ ही प्रोटेम स्पीकर का कार्य समाप्त हो गया। बिहार विधानसभा के पहले अध्यक्ष राम दयालू सिंह थे, उसके बाद 16 और अध्यक्ष बने और अब प्रेम कुमार 18वें अध्यक्ष हैं। झारखंड बंटवारे के बाद सबसे लंबी अवधि तक 10 साल उदय नारायण चौधरी विधानसभा अध्यक्ष रहे थे।
इस सत्र में शपथ नहीं लेने वाले 7 विधायकों में 6 नवनिर्वाचित विधायकों को आज शपथ दिलाई जाएगी, जबकि मोकामा के जदयू विधायक अनंत सिंह जेल में होने के कारण बाद में शपथ लेंगे।