PATNA - बिहार में आनेवाले कुछ सालों में कई एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है। जिसमें कुछ का निर्माण शुरू भी हो गया है। वहीं अब प्रस्तावित दो और एक्सप्रेसव को लेकर भी बड़ी अपडेट सामने आ गई है। यह दो एक्सप्रेसवे है पूर्णिया-पटना एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे। बताया जा रहा है कि 13 जिलों से होकर गुजरनेवाली इन एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण और डीपीआर की प्रकिया शुरू की जा रही है।
NHAI के अनुसार दोनों एक्सप्रेसवे के जमीन अधिग्रहण और डीपीआर का काम एक साथ चलेगा। अधिकारियों ने बताया कि दोनों एक्सप्रेस वे का निर्माण ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा।
इनमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 282 किमी है। इसकी चौड़ाई 90 मीटर होगी। इस आधार पर ही जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए बिहार के वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा जिले में जमीन का अधिग्रहण होना है। कोशिश की जा रही है कि छह माह में भू-अर्जन का काम पूरा कर लिया जाए। ताकि निर्माण निर्बाध रूप से चलता रहे।
गोरखपुर सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा बिहार में
इसी तरह गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है। इस प्रोजेक्ट के एलायनमेंट के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस प्रोजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।
मुआवजा तय करने के लिए होगा काला का गठन
जिन जिलों से दोनों एक्सप्रेस वे गुजरेंगे, वहां जमीन अधिग्रहण के लिए काला(कंपीटेंट आथिरिटी आफ लैंड एक्वजीशन) का गठन किया जाना है। जिसके लिए संबंधित जिलों के डीएम को पत्र लिखा जा रहा है।
गौरतलब है कि सड़क प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की मानिटरिंग काला के माध्यम से ही की जाती है। जमीन की प्रकृति किस तरह की है इस बारे में भी काला की ही रिपोर्ट पर मुआवजा की दर तय होती है।
इन जिलों में होना है जमीन अधिग्रहण - बिहार के जिन जिलों में दोनों एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण होना है। उनमें वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज शामिल हैं।।