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Bihar News: अब कैंसर का होगा खात्मा ! बन गई वैक्सीन, डॉ दिवाकर तेजस्वी ने दी ये अहम जानकारी

Bihar News: कैंसर रोधी टीके, जैसे एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस- बी के टीके, इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एचपीवी टीका गर्भाशय के मुंह के कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव करता है, जो भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है।

Anti-cancer vaccines
Anti-cancer vaccines- फोटो : reporter

Bihar News: पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) तत्वाधान में आज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन डॉ. दिवाकर तेजस्वी क्लिनिक, नेमा पैलेस, एक्जीविशन रोड पटना में किया गया। इस अवसर पर ’’पहल’’ के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि दुनिया भर में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है, और भारत इससे अछूता नहीं है। हर साल लाखों लोग कैंसर की चपेट में आते हैं, जिनमें से कई मामले टीकाकरण के माध्यम से रोके जा सकते हैं।

कैंसर रोधी टीके, जैसे एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस- बी के टीके, इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एचपीवी टीका गर्भाशय के मुंह के कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव करता है, जो भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1,23,000  नए मामले दर्ज होते हैं। वहीं हेपेटाइटिस-बी का टीका यकृत कैंसर (Liver Cancer) के खतरे को कम करता है। सरकार ने हाल ही में 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए एचपीवी टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (NIP) में शामिल किया है। 

डॉ तेजस्वी ने बताया कि एचपीवी (HPV) वैक्सीन का डोज  9 से 14 वर्ष में पहली डोज़-0 महीना, दूसरी डोज़-6 से 12 महीने बाद एवं 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए 3 डोज़ पहली डोज़-0 महीना, दूसरी डोज-1-2 महीने बाद एवं तीसरी डोज़-6 महीने बाद। हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) वैक्सीन का डोज पहली डोज़-0 महीना, दूसरी डोज-1 महीना बाद एवं तीसरी डोज़ -6 महीने बाद लेना है। डॉ तेजस्वी ने बताया की टीकाकरण स्वास्थ्य सुरक्षा की पहली पंक्ति है। हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने के लिए समय रहते टीके लगें। 

एचपीवी टीका न केवल गर्भाशय के मुंह के कैंसर बल्कि मलद्वार के कैंसर से भी बचाता है। यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है। डॉ0 तेजस्वी ने स्पष्ट किया, टीके दशकों के शोध पर आधारित हैं। इनके दुष्प्रभाव नगण्य हैं, लेकिन सुरक्षा अमूल्य है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों और परिवार को निर्धारित टीकाकरण अवश्य दिलवाएं। साथ ही, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने पर भी जोर दिया।  

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