Rahul Gandhi On BJP: राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप! कहा- 'उसने बीजेपी के लिए चोरी...'

Rahul Gandhi On BJP: राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। जानिए क्या है वोटर लिस्ट घोटाले का पूरा मामला और इसका लोकतंत्र पर क्या असर हो सकता है।

Rahul Gandhi On BJP

Rahul Gandhi On BJP: बिहार में चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया होती है, लेकिन इस बार इसके विरोध में संसद से लेकर सड़कों तक विपक्षी दलों का हंगामा देखने को मिल रहा है।विपक्ष का आरोप है कि यह पुनरीक्षण निष्पक्ष नहीं है, बल्कि इसे चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

राहुल गांधी का सनसनीखेज बयान

संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि हमने जो जांच की है, वह ‘एटम बम’ है। जब यह फटेगा तो चुनाव आयोग कहीं नजर नहीं आएगा। उन्होंने शक जताया है कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों में वोट चोरी हुआ है। विपक्षी दलों की आंतरिक जांच में निकले एक करोड़ वोटर जुड़ने के सबूत होने की बात कही है। यह दावा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा है।

क्या है यह तथाकथित "एटम बम"?

राहुल गांधी ने स्पष्ट नहीं किया कि उनके पास किस प्रकार के दस्तावेज़ या डिजिटल प्रमाण हैं, लेकिन उन्होंने संकेत दिया किफर्जी वोटर जोड़े गए या हटाए गए।कुछ क्षेत्रों में मतदाता सूची को जानबूझकर बदला गया।इसका सीधा लाभ भाजपा को चुनावी नतीजों में मिला।अगर ये आरोप सत्य साबित होते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न कर सकता है।

विपक्ष की एकजुटता और संसद में दबाव

कांग्रेस के साथ-साथ आरजेडी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाने की मांग की है। विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में इस विषय पर तत्काल चर्चा और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

चुनाव आयोग की स्थिति और संभावित जवाब

अब तक चुनाव आयोग की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन आयोग पर इस तरह के आरोप संवैधानिक संस्थाओं की साख के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। यदि विपक्ष की तरफ से पेश  किया गया तथाकथित “सबूत” सार्वजनिक होता है और उसे अदालत या संसद समिति द्वारा गंभीर माना जाता है, तो चुनाव आयोग को अपनी प्रक्रियाओं की पुनर्समीक्षा करनी पड़ सकती है।