बिहार में 2030 विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा में सांसद विहीन हो जाएगी राजद, मनोज झा और संजय यादव की वापसी मुश्किल, एनडीए को होगा फायदा

बिहार में 2030 विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा में सांसद विह

Patna - बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय राजनीतिक प्रोफाइल पर गहरा असर पड़ने वाला है। इस चुनाव में पार्टी ने कुल 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन मात्र 25 सीटें ही जीत पाई। इस निराशाजनक प्रदर्शन का सबसे बड़ा परिणाम यह हो सकता है कि आगामी वर्षों में राज्यसभा में पार्टी की उपस्थिति नगण्य हो जाएगी। विभिन्न राजनीतिक विश्लेषणों के अनुसार, 2030 तक देश के ऊपरी सदन में राष्ट्रीय जनता दल का एक भी सांसद नहीं बचेगा, जो पिछले तीन दशकों में पहली बार होगा।

राज्यसभा में घटती उपस्थिति

वर्तमान में, राष्ट्रीय जनता दल के पांच सांसद राज्यसभा में हैं। हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे इन सांसदों का कार्यकाल पूरा होता जाएगा, राज्यसभा में आरजेडी की उपस्थिति लगातार घटती जाएगी। पार्टी के सदन में नेता प्रेमचंद गुप्ता और एडी सिंह अप्रैल 2026 में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद, तीसरे सांसद फयाज अहमद जुलाई 2028 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

AIMIM के समर्थन के बावजूद चुनौती

राज्यसभा चुनाव में आरजेडी के लिए सीट जीतना 2026 और 2028 में होने वाले चुनावों में एक बड़ी चुनौती होगी। इन चुनावों में बिहार विधानसभा में पांच सीटें जीतने वाली AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के समर्थन के बावजूद आरजेडी के लिए उच्च सदन में अपनी सीटें बचाना मुश्किल होगा, क्योंकि इस बार आरजेडी और AIMIM ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और कई सीटों पर दोनों ने एक दूसरे के कैंडिडेट को हराया था।

2030 तक शून्य होने की आशंका

आरजेडी के शेष दो सांसद, मनोज कुमार झा और संजय यादव, अप्रैल 2030 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। अगर 2030 के विधानसभा चुनावों तक राष्ट्रीय जनता दल के पास पर्याप्त विधायक नहीं होते हैं, तो अप्रैल 2030 के बाद राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व शून्य हो सकता है।  हालांकि, यदि 2030 के राज्यसभा चुनाव में AIMIM आरजेडी को सपोर्ट करती है, तो लालू यादव की पार्टी किसी तरह से एक सीट बचा सकती है। लेकिन इसकी संभावना कम ही है, क्योंकि छोटी पार्टियां अक्सर राजनीतिक सुविधा और अपने फायदे के हिसाब से मतदान करती हैं।

एनडीए को मिलेगा लाभ

नए बिहार विधानसभा के मौजूदा शक्ति संतुलन का सीधा लाभ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को मिलेगा। 2026 में बिहार से खाली हो रही 5 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान में एनडीए आसानी से सभी पांचों सीटों पर जीत हासिल कर लेगा, जिनमें दो सीटें जेडीयू और एक राष्ट्रीय लोक मोर्चा (दोनों एनडीए का हिस्सा) के पास हैं।

2028 में भी एनडीए का दबदबा

यही सिलसिला 2028 में भी जारी रहेगा, जब राज्यसभा के 5 सदस्य रिटायर होंगे। इनमें तीन बीजेपी के, एक जेडीयू और एक आरजेडी के होंगे। मौजूदा विधायक संख्या के आधार पर, यह अनुमान है कि ये पांचों सीटें भी आसानी से एनडीए के खाते में चली जाएंगी, जिससे राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल का संकट और गहरा हो जाएगा।