राजद की दुर्गति पर गुस्से में लालू यादव के साले, बता दिया - किसके कारण पार्टी का हुआ बुरा हाल, सारे संबंध तोड़ लेना चाहिए
लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व सांसद साधु यादव ने इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए जहाँ एक तरफ अपनी बहन और जीजा का बचाव किया है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
Patna - राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व सांसद साधु यादव ने बिहार की राजनीति में बड़ा बयान दिया है。 उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार ठहराते हुए गठबंधन तोड़ने की वकालत की है। साधु यादव का मानना है कि बिहार में कांग्रेस का अपना कोई वजूद नहीं रह गया है।
"राजद के कंधे पर सवार है कांग्रेस"
कांग्रेस द्वारा राजद का साथ छोड़ने की चर्चाओं पर पलटवार करते हुए साधु यादव ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का कोई जनाधार (Base) बचा ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को राज्य में जो भी वोट मिलते हैं, वे केवल राजद के समर्थन के कारण ही मिलते हैं। साधु यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि राजद को बहुत पहले ही कांग्रेस से अलग हो जाना चाहिए था, क्योंकि इस गठबंधन से केवल कांग्रेस को ही फायदा पहुँच रहा है।
राबड़ी आवास विवाद: ओछी राजनीति न करे जदयू
राबड़ी आवास खाली किए जाने के दौरान गमले और अन्य सामान ले जाने के विवाद पर साधु यादव ने अपनी बहन राबड़ी देवी और लालू यादव का पुरजोर बचाव किया। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा इस मामले की जांच की मांग किए जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। साधु यादव ने कहा कि "नीरज कुमार को इस तरह की ओछी बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव राज्य के बड़े कद के नेता हैं"।
पौधों पर विवाद को बताया बेतुका
आवास से गमले हटाए जाने के मामले पर साधु यादव ने स्पष्ट किया कि यदि किसी का अपना व्यक्तिगत पेड़-पौधा या गमला है, तो उसे ले जाने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने इसे 'चोरी' जैसा रंग देने को गलत बताया और कहा कि इस तरह के छोटे मुद्दों पर हाई-तौबा मचाना शोभा नहीं देता। साधु यादव ने नसीहत दी कि राजनीति में गंभीरता होनी चाहिए और बेरोजगारी व विकास जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
लालू यादव को संन्यास और अध्यात्म की सलाह
पूर्व सांसद ने लालू प्रसाद यादव को राजनीति के अंतिम पड़ाव पर शांतिपूर्ण जीवन जीने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि लालू जी को अब 'राम-राम' करना चाहिए और अपने पोता-पोती के साथ समय बिताना चाहिए। साधु यादव ने यह भी जोड़ा कि अगर लालू यादव रामचरितमानस पढ़ेंगे और अपने परिवार को त्याग की शिक्षा देंगे, तभी उनका कुनबा एकजुट रह पाएगा।