प्रशांत किशोर के आरोपों पर सम्राट चौधरी ने दिया जवाब, शिल्पी गौतम हत्याकांड में नाम आने पर भी बोले

प्रशांत किशोर के आरोपों  पर सम्राट चौधरी ने दिया जवाब, शिल्प

patna - जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर छह लोगों की हत्या में शामिल होने और सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे का हवाला देकर सरकार से उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। जिस पर अब सम्राट चौधरी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने शिल्पी गौतम मर्डर केस में पीके के आरोपों पर जवाब दिया है।

जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई ने बिहार के सबसे चर्चित शिल्पी हत्याकांड में साधु यादव के सम्राट चौधरी को भी अभियुक्त बनाया था। सीबीआई की टीम ने सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार से लंबी पूछताछ भी की थी। उनका सैंपल भी लिया गया था। लेकिन, तत्कालीन लालू- राबड़ी सरकार ने साधु यादव को बचाने के लिए पूरे मामले को रफा दफा कर दिया था। तब के राकेश और आज के सम्राट बताएं कि उस केस में क्या भूमिका थी, वह नामजद थे या नहीं थे, और थे तो उसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की।

पीके को बताया नौसिखिया

सम्राट चौधरी ने कहा, “यह नौसिखिया बच्चों की तरह बात कर रहा है। वह जिस राकेश की   बात कर रहे हैं. वह हाजीपुर का एक आइसक्रीम बेचनेवाला है। हाजीपुर का एक व्यापारी राकेश उस मामले में शामिल था, मेरा नाम कहीं नहीं है। यह जानकारी का अभाव है और सिर्फ मीडिया में बने रहने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि मामले में सीबीआई ने जांच की थी। जिसमें कही भी मेरा नाम नहीं था।

पीके से मांगा हिसाब

प्रशांत किशोर पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम ने आगे कहा, “तुम अपने भ्रष्टाचार का हिसाब दो. तुमने 241 करोड़ रुपये कहां से लाया? जिसने तुम्हें पैसा दिया, क्या वह तुम्हारा बाप है? तुम कौन हो? अगर तुम अपराध करोगे, तो उसका जवाब देना ही पड़ेगा. मैं इस नौसिखिया के चक्कर में नहीं पड़ने वाला है।

नीतीश कुमार ने मेरे लिए आवाज उठाई

26 साल पुराने मामले में सम्राट चौधरी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इन सारे आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि लालू यादव और उनके समर्थकों ने मेरे घर के अनाज और कुएं में पेशाब कर दिया था। मेरे पूरे परिवार के 22 लोगों को जेल में डाल दिया था। तब विपक्ष में रहे नीतीश कुमार ने हमलोगों के लिए आवाज उठाई। वह सात किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग की अपील पर सुप्रीम ने लालू यादव सरकार पर पेनाल्टी लगाई थी।