Bihar teachers: राज्य के तीन लाख से अधिक स्कूली बच्चों को साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं की राशि मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर स्कूलों द्वारा बच्चों का गलत डाटा अपलोड किया जाना है। इस गलती के चलते बच्चे, जिनकी उपस्थिति 75% से अधिक है और जो इन योजनाओं के लिए योग्य हैं, उन्हें योजना की राशि नहीं मिल पा रही है।
गलत डाटा अपलोड की समस्या
शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 66 लाख बच्चों के खाते में योजना राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन एक करोड़ 15 लाख बच्चों की सूची अभी भी लंबित है। इस सूची में जिन बच्चों के डाटा में त्रुटियां हैं, उनमें नाम, माता का नाम, उम्र, और बैंक खाता नंबर आदि गलत लिखे गए हैं। कुछ मामलों में प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र 20-22 साल दर्ज की गई है, जो कि साफ तौर पर एक गंभीर त्रुटि है।
सात लाख बच्चों का डाटा अपडेट किया गया
इससे पहले, लगभग दस लाख मामलों में गलत डाटा पकड़ा गया था, जिनमें से सात लाख बच्चों का डाटा अब तक सही कर दिया गया है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि फरवरी महीने के अंत तक सभी बच्चों के खाते में राशि का भुगतान हो जाए। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिन बच्चों का पूरा ब्योरा सही है, उन्हें राशि का भुगतान पहले से ही किया जा रहा है।
डाटा त्रुटियों के कारण समस्या
छात्र-छात्राओं की योजना राशि का भुगतान नहीं हो पाने के पीछे मुख्य कारण डाटा त्रुटियां हैं। गलत तरीके से दर्ज किए गए नाम, बैंक खाता नंबर, और उम्र की वजह से योजनाओं का लाभ बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा है। शिक्षा विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि जल्द से जल्द इन त्रुटियों को सुधारा जाए ताकि बच्चों को उनका हक मिल सके।
फरवरी तक सभी बच्चों को राशि देने का लक्ष्य
शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि फरवरी 2025 के अंत तक सभी एक करोड़ 15 लाख बच्चों के खाते में राशि जमा कर दी जाए। विभागीय पदाधिकारियों का कहना है कि जिन बच्चों का डाटा सही है, उन्हें नियमित रूप से राशि का भुगतान किया जा रहा है। जिन बच्चों के डाटा में त्रुटि है, उन त्रुटियों को जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्कूली बच्चों की योजनाओं
स्कूली बच्चों की योजनाओं की राशि वितरण में आई यह समस्या शिक्षकों की लापरवाही और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर गलत डाटा अपलोड करने के कारण उत्पन्न हुई है। शिक्षा विभाग के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन विभाग ने फरवरी के अंत तक सभी बच्चों को उनका हक दिलाने का लक्ष्य रखा है। त्रुटियों को सुधारने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है ताकि बच्चों को समय पर उनकी योजनाओं की राशि मिल सके।