किसके पास होगी भागलपुर जिप की कमान, वर्तमान अध्यक्ष के विधायक बनने के बाद सामने आने लगे कई दावेदार

किसके पास होगी भागलपुर जिप की कमान, वर्तमान अध्यक्ष के विधाय

Bhagalpur - भागलपुर जिला परिषद की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। नाथनगर से नवनिर्वाचित विधायक बने मिथुन कुमार के विधानसभा पहुंचते ही जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली होने की स्थिति बन रही है। इसी बीच राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है कि अध्यक्ष पद की चाबी इस बार भी जिला पार्षद बिपिन कुमार मंडल के हाथों में ही सिमटकर रह जाएगी।

जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर हलचल तेज

नाथनगर के विधायक निर्वाचित होने के बावजूद मिथुन कुमार अभी भी जिला परिषद अध्यक्ष और क्षेत्र संख्या—15 नाथनगर दक्षिणी क्षेत्र के सदस्य बने हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वे पहले विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेंगे और उसके बाद ही जिला परिषद सदस्य एवं अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देंगे।

सूत्रों के मुताबिक 24 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है, जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। जैसे ही त्यागपत्र होगा, 31 सदस्यीय जिला परिषद में कुल 30 सदस्य रह जाएंगे और अध्यक्ष पद की नई दावेदारी के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम-से-कम 16 सदस्यों का समर्थन जुटाना अनिवार्य होगा।

बिपिन कुमार मंडल की पकड़ अभी भी मजबूत


राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी की चाबी इस बार भी बिपिन कुमार मंडल पर केंद्रित है। जिला परिषद के भीतर उनकी पकड़, नेटवर्क और रणनीतिक क्षमता पिछले वर्षों में कई बार साबित हो चुकी है।

बिपिन  मंडल की होगी बड़ी  भूूमिका

याद दिला दें कि टुनटुन साह को हटाकर मिथुन कुमार को जिला परिषद अध्यक्ष बनवाने में सबसे बड़ी भूमिका बिपिन कुमार मंडल की ही थी। उन्होंने जिला परिषद सदस्यों को संगठित कर मिथुन के पक्ष में भारी समर्थन तैयार किया था। इतना ही नहीं, हाल के विधानसभा चुनाव में जब मिथुन कुमार का गंगोता समाज का वोट खिसकता दिख रहा था, तब वोट इकट्ठा कर उन्हें मजबूत समर्थन दिलाने का श्रेय भी बिपिन कुमार मंडल को ही दिया जाता है। इसी आधार पर अब चर्चाओं का केंद्र यह है कि जिला परिषद की कमान एक बार फिर बिपिन कुमार मंडल के इर्द-गिर्द ही घूम सकती है और वे अपने समर्थित नाम को अध्यक्ष पद तक पहुंचाने में सफल रहेंगे।

टुनटुन साह की दोबारा एंट्री की कोशिश

कुछ दिनों पहले पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन साह ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी। वे मिथुन समर्थक जिला पार्षदों और वर्तमान उपाध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू यादव से मिले और अध्यक्ष पद पर दोबारा दावा ठोकने की इच्छा जताई। हालांकि, उनकी इस कोशिश को बहुत प्रभावी नहीं माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस बैठक के सहारे टुनटुन साह अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, उसमें कई महत्वपूर्ण सदस्य शामिल ही नहीं हुए थे। इससे उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।

बिपिन कुमार मंडल के खेमे में मजबूती

वर्तमान उपाध्यक्ष पप्पू यादव, कई वरिष्ठ जिला परिषद सदस्य और नवगछिया क्षेत्र के अधिकांश पार्षद बिपिन मंडल के साथ बताए जा रहे हैं। जिला परिषद में नेतृत्व के प्रति उनका भरोसा भी बिपिन कुमार मंडल पर ही टिका है।

स्वयं उपाध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा—

“अध्यक्ष पद खाली होने का नोटिफिकेशन आने के बाद ही साफ होगा कि कौन उम्मीदवार सामने आता है। वित्तीय प्रभाव की बहाली को लेकर मैंने डीडीसी को पत्र भी लिखा है।”

अध्यक्ष पद की लड़ाई में बढ़ेगी सरगर्मी

जैसे-जैसे मिथुन कुमार के त्यागपत्र की घड़ी नजदीक आ रही है, जिला परिषद में सत्ता संतुलन की उठा-पटक भी तेज होती जा रही है। जहां एक ओर बिपिन कुमार मंडल के समर्थकों का दावा है कि “अध्यक्ष पद की चाबी” उनके ही पास है, वहीं दूसरी ओर टुनटुन साह जैसे पुराने खिलाड़ी भी मैदान छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे।

आने वाले सप्ताह में भागलपुर जिला परिषद की राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम होने की संभावना है, और सभी की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर अगला जिला परिषद अध्यक्ष कौन बनेगा - बिपिन कुमार मंडल या फिर टुनटुन साह।