Bihar Politics: तेजस्वी को धक्का, CWC की बैठक से पहले सलमान खुर्शीद बोले- जीतने के बाद तय होगा CM फेस

CWC की बैठक से पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कोई फैसला जीतने के बाद ही बताया जाएगा।

 Bihar Politics: तेजस्वी को धक्का, CWC की बैठक से पहले सलमान
तेजस्वी को धक्का- फोटो : social Media

Bihar Politics: आजादी के बाद पहली बार पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक होने जा रही है।बैठक से पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कोई फैसला जीतने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा।  राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक CM सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, भूपेश बघेल, जीतू पटवारी और हरीश चौधरी बैठक में शामिल होने के लिए सदाकत आश्रम पहुंच चुके हैं।

बैठक थोड़ी देर में शुरू होगी और शाम 4 बजे तक चलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सीधे पटना एयरपोर्ट से कांग्रेस ऑफिस पहुंचें। बैठक स्थल सदाकत आश्रम के आसपास पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हल्की खींचतान देखी गई, लेकिन सुरक्षा और प्रवेश व्यवस्था कड़ाई से लागू की गई है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी का मानना है कि CWC की यह बैठक बिहार में सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साल 2023 में तेलंगाना में भी चुनाव के समय इसी तरह की बड़ी CWC बैठक हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी। इस अनुभव से पार्टी को बिहार में भी फायदा उठाने की उम्मीद है।

बैठक के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह बिहार चुनाव में केंद्र में खुद को रख रही है और कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरना चाहती है।इस बैठक में विशेष ध्यान तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी पर भी है। दिसंबर 2023 में रेवंत रेड्डी ने तत्कालीन CM केसीआर पर हमला करते हुए कहा था कि उनका डीएनए तेलंगाना का है, जबकि केसीआर का डीएनए बिहार से जुड़ा है। उन्होंने दावा किया था कि केसीआर की जाति कुरमी है, जिसकी जड़ें बिहार में हैं। यह बयान बिहारियों के बीच विवादित और अपमानजनक माना गया था।

CWC की यह बैठक कांग्रेस के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकती है। बैठक में बिहार में चुनावी समीकरण, गठबंधन और रणनीतिक फैसले लिए जाएंगे। इस बैठक के नतीजे बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में सत्ता समीकरण और चुनावी रुख तय करेंगे।