राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर होगा गंगा पर बने 6 लेन ब्रिज का नाम ! पटना-बेगूसराय को जोड़ने वाला एशिया का सबसे चौड़ा पुल हुआ तैयार
बिहार में गंगा नदी पर बने एशिया के सबसे चौड़े 6 लेन के ब्रिज का नामकरण राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है.

Simaria Aunta new bridge: बिहार के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. बेगूसराय और पटना जिलों को जोड़ने वाला मोकामा में बना सिमरिया-औटा नया सेतु बनकर तैयार है. इसका अधिकारिक शुभारम्भ जल्द ही होने की संभावना है. पटना-बेगूसराय को जोड़ने वाला यह एशिया का सबसे चौड़ा पुल है. इस पुल की लंबाई 8.1 किलोमीटर है जिसमें अप्रोच रोड भी शामिल है. मोकामा में मौजूद राजेंद्र सेतु के समानांतर बने इस 6 लेन ब्रिज का नाम भी ऐतिहासिक हो इसे लेकर केंद्र सरकार से बड़ी मांग की गई है. बिहार में गंगा नदी पर सबसे पहले मोकामा में ही वर्ष 1959 में पुल बना था जिसका नामकरण प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर राजेंद्र सेतु किया गया था. अब उसी तर्ज पर नए 6 लेन पुल का नाम भी करने की मांग है.
केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने इसे लेकर केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि बेगूसराय और पटना को जोड़ने वाला सिमरिया-औटा नया सेतु बनकर तैयार है,यह सेतु सिर्फ़ दो जिलों को नहीं, बल्कि गति, समृद्धि और गौरवशाली परंपरा को जोड़ता है। इस ऐतिहासिक पुल के निर्माण के पीछे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दृढ़ संकल्प है। हम उनके प्रति हृदय से आभार प्रकट करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने नितिन गडकरी एवं बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री को पत्र लिखकर इस पुल का नामकरण राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’के नाम पर किए जाने का निवेदन किया है। यह पुल दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय को राजधानी पटना से जोड़ता है, ऐसे में यह “रामधारी सिंह दिनकर सेतु” कहलाए ,यही इस क्षेत्र की जनभावना है। हालांकि गिरिराज की इस मांग पर फ़िलहाल केंद्र सरकार की ओर से कोई सहमति नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर इस पुल का नामकरण हो सकता है.