बिहार में चिकित्सा का नया कीर्तिमान: NSMCH बिहटा में 195 किलो के 'सुपर ओबीज' मरीज की सफल बैरेट्रिक सर्जरी
NSMCH, बिहटा ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने एक 54 वर्षीय 'सुपर ओबीज' मरीज की जटिल बैरेट्रिक (वजन घटाने वाली) सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
Patna - राजधानी पटना के निकट स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NSMCH), बिहटा ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने 16 दिसंबर 2025 को एक 54 वर्षीय 'सुपर ओबीज' मरीज की जटिल बैरेट्रिक (वजन घटाने वाली) सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 195 किलोग्राम वजन और 61 BMI वाले यह मरीज संभवतः बिहार में इस तरह की सर्जरी कराने वाले अब तक के सबसे अधिक वजन वाले व्यक्तियों में से एक हैं।
जटिलताओं के बावजूद 90 मिनट में सफल ऑपरेशन
मरीज की स्थिति चिकित्सा विज्ञान के लिहाज से अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी। वे न केवल अत्यधिक वजन, बल्कि स्लीप एपनिया, ऑबेसिटी हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम, ऑस्टियोआर्थराइटिस और हाईपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों से भी जूझ रहे थे। इन जोखिमों के बावजूद, डॉ. निरुपम सिन्हा और उनकी टीम ने मात्र 1.5 घंटे में इस सर्जरी को पूरा किया। आधुनिक तकनीक के प्रयोग से सर्जरी के दौरान रक्तस्राव (ब्लडिंग) न के बराबर रहा।
रिकवरी में बनाया रिकॉर्ड: 10 घंटे में चलने लगा मरीज
इस सर्जरी की सबसे बड़ी सफलता इसके बाद देखने को मिली। आमतौर पर इतनी जटिल सर्जरी के बाद मरीज को रिकवर होने में समय लगता है, लेकिन NSMCH के डॉक्टरों की देखरेख में मरीज ने ऑपरेशन के महज 10 घंटे के भीतर चलना शुरू कर दिया। वर्तमान में मरीज की स्थिति पूरी तरह स्थिर है और वे तेजी से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
विशेषज्ञों की समर्पित टीम का योगदान
इस ऐतिहासिक सर्जरी का नेतृत्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निरुपम सिन्हा ने किया। उनकी टीम में डॉ. अभिषेक, डॉ. सोम्या और डॉ. रोहित शामिल थे। एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. नवीन कुमार और डॉ. फशीउल्लाह आलम ने मरीज की स्थिति को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाई। इस पूरे मिशन को वरिष्ठ विशेषज्ञों जैसे डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा, डॉ. रमेश अजय और डॉ. शशि भूषण सिन्हा के मार्गदर्शन में पूरा किया गया। ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू स्टाफ के बिबिन व सत्यप्रकाश का प्रयास भी सराहनीय रहा।
लगातार दूसरी सफलता: महिला मरीज की भी हुई सर्जरी
अस्पताल की सफलता का सिलसिला यहीं नहीं रुका। इस बड़े ऑपरेशन के अगले ही दिन टीम ने एक युवा महिला मरीज की भी सफल बैरेट्रिक सर्जरी की। 36 BMI वाली यह महिला पीसीओएस (PCOS) और हाइपोथायरॉयडिज़्म से पीड़ित थी। लगातार दो सफल ऑपरेशनों ने यह साबित कर दिया है कि NSMCH बिहटा अब जटिल बैरेट्रिक प्रक्रियाओं के लिए राज्य का एक विश्वसनीय केंद्र बन चुका है।