सुपौल सिम बॉक्स कांड की जांच अब CBI के हवाले: थाईलैंड और कंबोडिया तक फैले हैं तार, 21 साल का युवक है मास्टरमाइंड

सुपौल में पकड़े गए अंतरराष्ट्रीय सिम बॉक्स साइबर ठगी मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। 21 वर्षीय मास्टरमाइंड के थाईलैंड, चीन और कंबोडिया स्थित कनेक्शनों और देशव्यापी नेटवर्क के खुलासे के बाद गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया है।

सुपौल सिम बॉक्स कांड की जांच अब CBI के हवाले: थाईलैंड और कंब

Supaul/patna  -  बिहार के सुपौल में पकड़े गए फर्जी सिम बॉक्स और अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी मामले की गंभीरता को देखते हुए अब इसकी कमान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है। गृह विभाग ने बिहार पुलिस से यह केस सीबीआई को स्थानांतरित करने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। अब तक इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) कर रही थी। 

भोजपुर के बाद दूसरा मामला जो सीबीआई को सौंपा गया

यह बिहार का दूसरा बड़ा सिम बॉक्स कांड है जिसे सीबीआई को हस्तांतरित किया गया है। इससे पहले नवंबर माह में भोजपुर के नारायणपुर गांव में पकड़े गए फर्जी सिम बॉक्स मामले की जांच भी सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। इन दोनों ही मामलों के तार एक-दूसरे से जुड़े होने और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों की संलिप्तता के कारण केंद्रीय एजेंसी का हस्तक्षेप आवश्यक माना गया। 

विदेशी नेटवर्क: चीन और वियतनाम से जुड़ा है कनेक्शन

प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस गिरोह के तार थाईलैंड, कंबोडिया, चीन, वियतनाम और बैंकॉक जैसे देशों के साइबर ठगों से जुड़े हैं। अपराधी अवैध सिम बॉक्स का उपयोग कर विदेशों से आने वाली इंटरनेट कॉल (VoIP) को लोकल जीएसएम कॉल में बदल देते थे, जिससे ठगी के दौरान कॉल को ट्रेस करना नामुमकिन हो जाता था। जांच में पता चला है कि इस तकनीक के जरिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में फर्जी कॉल किए जा रहे थे। 

21 साल का हर्षित है मास्टरमाइंड, दर्जनभर देशों की यात्रा

सुपौल के गौसपुर में पकड़े गए इस गिरोह का सरगना महज 21 साल का हर्षित कुमार है। हर्षित अपने आधा दर्जन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके पास से 8 सिम बॉक्स डिवाइस, सैकड़ों सिम कार्ड, बैंक पासबुक, एटीएम और क्रिप्टो करेंसी के डिजिटल सबूत बरामद किए थे। ताज्जुब की बात यह है कि इतनी कम उम्र में हर्षित थाईलैंड और बैंकॉक समेत दर्जनभर देशों की यात्रा कर चुका है, जो उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की पुष्टि करता है। 

देश के कई राज्यों में फैला है जाल

ईओयू की जांच में सामने आया कि सिम बॉक्स गिरोह का जाल केवल बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी जुड़े हुए हैं। इसी अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय विस्तार के कारण बिहार पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सीबीआई जांच का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है।