नीतीश सरकार को केंद्र से बड़ा तोहफा, टैक्स डिवॉल्यूशन में बिहार को विशेष लाभ, देशभर में नंबर-2
बिहार को केंद्र से टैक्स डिवॉल्यूशन में सबसे बड़ा लाभ मिला है देश में दूसरा सबसे ज्यादा राशि राज्य के लिए जारी हुआ है. नीतीश सरकार को पीएम मोदी ने देश का 10 फीसदी हिस्सा जारी किया है.

Bihar News: केंद्र सरकार ने राज्यों के बीच केंद्रीय करों में हिस्सेदारी (टैक्स डिवॉल्यूशन) के तहत सितंबर 2025 में कुल 1,01,603 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। इसमें बिहार को एक बार फिर सबसे बड़ा लाभ मिला है। राज्य को केंद्र से 10,219 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जो देशभर में जारी की गई कुल राशि में दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। सबसे अधिक आवंटन उत्तर प्रदेश को 18,227 करोड़ रुपये का हुआ है। बिहार को जारी हुई राशि देश के सभी राज्यों को जारी कुल राशि का करीब दस फीसदी है।
जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार को आवंटित राशि न केवल कई बड़े औद्योगिक और आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों से अधिक है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि टैक्स डिवॉल्यूशन की प्रक्रिया में बिहार की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और आय-व्यय क्षमता जैसे मानकों को प्रमुखता दी जा रही है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में बिहार को कुल करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में मिलने की संभावना है। इस अनुमानित राशि को केंद्र सरकार 14 किस्तों में राज्यों को वितरित करेगी। सितंबर में जारी यह राशि उसी प्रक्रिया का हिस्सा है। केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 15वें वित्त आयोग द्वारा तय किए गए फॉर्मूले पर आधारित होती है। इस फॉर्मूले में राज्यों को कर संग्रहण में उनकी जनसंख्या, भौगोलिक आकार, आय और व्यय की क्षमता, राजकोषीय अनुशासन और अन्य आर्थिक मानकों को ध्यान में रखा जाता है। इसी आधार पर बिहार को टैक्स डिवॉल्यूशन में लगातार बड़ी हिस्सेदारी मिल रही है।
बिहार सहित इन राज्यों को बड़ा लाभ
अगर राज्यों को जारी हालिया टैक्स डिवॉल्यूशन पर नजर डालें, तो उत्तर प्रदेश (18,227 करोड़) और बिहार (10,219 करोड़) के बाद सबसे बड़ी हिस्सेदारी मध्य प्रदेश को 7,976 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 7,644 करोड़ रुपये मिली है। महाराष्ट्र (6,418 करोड़), राजस्थान (6,123 करोड़) और ओडिशा (4,601 करोड़) को भी बड़ी रकम आवंटित की गई है।
बिहार को बड़ी हिस्सेदारी
बिहार के संदर्भ में यह आवंटन महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य लंबे समय से विशेष दर्जे की मांग करता रहा है। आर्थिक रूप से पिछड़ेपन और राजस्व जुटाने की सीमित क्षमता के कारण बिहार को केंद्र पर काफी हद तक निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में टैक्स डिवॉल्यूशन से मिलने वाली राशि राज्य की विकास योजनाओं, सामाजिक क्षेत्र की स्कीमों और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए बेहद अहम साबित होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की बड़ी जनसंख्या और सीमित औद्योगिक आधार के चलते राज्य की वित्तीय आवश्यकताएं अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक हैं। यही कारण है कि 15वें वित्त आयोग ने अपने फॉर्मूले में बिहार को बड़ी हिस्सेदारी दी है।
कई योजनाओं पर खर्च
गौरतलब है कि बिहार को इस वर्ष जारी 10,219 करोड़ रुपये की किस्त शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और सिंचाई जैसी योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने की उम्मीद है। राज्य सरकार भी केंद्र से मिले इस आवंटन को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संतुलित तरीके से खर्च करने की तैयारी कर रही है। इस प्रकार, बिहार को केंद्र सरकार से टैक्स डिवॉल्यूशन के तहत लगातार बड़ी राशि मिलना न केवल राज्य की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि विकास की रफ्तार को भी तेज करेगा।