तेज प्रताप पर मंडरा रहा 'सनीचरा ग्रह', नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर राजद सुप्रीमो के पुत्र ने किया बड़ा दावा

Tej Pratap Yadav
Tej Pratap Yadav- फोटो : news4nation

Tej Pratap Yadav: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों द्वारा बिहार विधानसभा में काला कपड़ा पहनकर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. हालांकि तेजस्वी के भाई तेज प्रताप यादव इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं दिखे. वे सफेद कुर्ता पहनकर सदन में आए. उनसे बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने सहित अन्य मुद्दों पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी स्पष्ट राय रखी.


तेज प्रताप यादव ने विपक्षी सदस्यों के काला कपड़ा पहनकर विरोध जताने की पहल में शामिल नहीं रहने और उनके सफेद कुर्ता पहनने के सवाल पर कहा कि वे भी समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने चुटकी लेते हुए खुद सफेद कुर्ता पहनने पर कहा कि उनका 'सादा जीवन उच्च विचार है.' वे सिर्फ शनिवार को काला कपड़ा पहनते हैं क्योंकि उन पर 'सनीचरा ग्रह' है.  एसआईआर के मुद्दे पर सदन के बाहर से ही विपक्ष को समर्थन देने की बातें की. वहीं नीतीश कुमार का नाम उप राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में आने पर तेज प्रताप यादव ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा 'वे उप राष्ट्रपति बनेंगे'. 


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सदन में चर्चा की मांग को लेकर एकजुट विपक्ष ने न केवल हंगामा किया बल्कि इस दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर कागज फेंकने का वीडियो भी सामने आया. इतना नहीं नहीं वेळ में आकर प्रदर्शन कर रहे सदस्यों ने कुर्सी उठाकर सदन में बवाल काटा. मार्शलों को कुर्सी छीनने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. वहीं पूरा सदन अराजक स्थिति में दिखा. हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.


दरअसल, बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए मंगलवार को सदन में विपक्षी सदस्यों ने भारी बवाल किया. सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एसआईआर का विषय बिहार के वोटरों से जुड़ा हुआ है. इसलिए इस पर तत्काल सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वोटरों से चुनकर ही सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के लोग हों यहां विधानसभा में पहुंचते हैं.


उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और इसी बिहार में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.  एसआईआर की जो प्रक्रिया चुनाव आयोग के द्वारा बनाई गई है वह वोटरों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि जब वोटरों के नाम ही मतदाता सूची से कट जाएंगे तो इसका क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि अगर सदन में हम इसकी चर्चा नहीं करेंगे तो कहां करेंगे. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव नेतेजस्वी की मांग को ख़ारिज करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही शुरू हुई थी तो हमने आपके सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी. नंदकिशोर यादव द्वारा तत्काल इस पर चर्चा कराने की मांग ख़ारिज करने पर विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया.