Bihar News : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मधुबनी में पुलिस पर बर्बरता व बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया है. अब इसे लेकर राजद और जदयू आमने सामने हैं. तेजस्वी के आरोपों पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंगलवार को पलटवार किया. उन्होंने राजद नेताओं के आरोपों का खंडन किया भ्रामक, असत्य और भड़काऊ बताया. वहीं तेजस्वी ने अपने आरोप में पुलिस के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया.
नीरज कुमार ने कहा, मधुबनी की हालिया घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा लगाए गए आरोप भ्रामक,असत्य और भड़काऊ हैं। बिना किसी ठोस साक्ष्य के प्रशासन पर गलत आरोप लगाना केवल राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह करने का प्रयास है।
तेजस्वी ना दें राजनीतिक रंग
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि घटना की पूरी जाँच निष्पक्ष रूप से की गई और दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए निलंबन एवं स्थानांतरण का निर्णय लिया गया। सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट है कि कोई जबरन वसूली या पुलिस की ओर से मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई। बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन जनता की सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुचित व्यवहार पर सख्त कार्रवाई की जाती है। इस मामले को राजनीतिक रंग देना पूरी तरह अनुचित है। हम जनता से आग्रह करते हैं कि अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। बिहार सरकार कानून के दायरे में रहते हुए न्याय और पारदर्शिता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
तेजस्वी ने क्या लगाए आरोप
मधुबनी की घटना पर तेजस्वी यादव ने कथित आरोपों में कहा, बिहार में अचेत मुख्यमंत्री के कारण प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता फ़ैल चुकी है। मधुबनी के कटैया, बेनीपट्टी में पुलिस उपाधीक्षक ने मो० फिरोज की अकारण बर्बरता व बेरहमी से पिटाई की। नीतीश सरकार के क्रूरतापूर्ण अमानवीय व्यवहार, अत्याचार, अन्याय और शोषण के विरुद्ध पीड़ित फिरोज से मिलने बेनीपट्टी, मधुबनी पहुँचा। नीतीश कुमार ख़ुद गृहमंत्री है इसलिए पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। मधुबनी में पुलिस ने तांडव मचा रखा है। जब मर्जी किसी को भी पुलिस मार देती है।
जात-धर्म के आधार पर हो रहा भेदभाव
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आयें ना आए हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता लेकिन समाज में अन्याय,अत्याचार और भेदभाव हम हरगिज़ सहन नहीं करेंगे और ना होने देंगे। अगर किसी ने मुसलमानों की तरफ़ बुरी नज़र से देखा तो फिर उन बुरी नज़र वालों की सही नज़र करना हमें हर तरीक़े से आता है। ये पुलिस और प्रशासन के लोग कान खोलकर सुन लें, आप लोग जनता के नौकर हो, सेवक हो। इसी जनता के पैसे से तुम्हें तनख्वाह मिलती है। हमारी पार्टी ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध मानवाधिकार आयोग भी जाएगी और उनकी सजा सुनिश्चित करेगी। दरभंगा और मधुबनी के 20 में से 17 विधायक BJP/JDU के है। 20 वर्षों से मधुबनी-दरभंगा-झंझारपुर के MP इन्हीं के है। ये सब निकम्मे और नकारा हो चुके है। नीतीश प्रशासन इन्हीं का है जो जात-धर्म के आधार पर भेदभाव करता है।
पहले भी हुई कई घटनाएँ
बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के बसैठ में कुछ महीने पहले एक युवा राहुल कुमार झा को पुलिस ने दूसरे थाने की सीमा में घुसकर बेवजह बेरहमी से पीटा था। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष 2024 में कटैया के बगल के ही दामोदरपुर गांव में एक ऑटो चालक मुन्ना झा की हत्या कर दी गई। बेनीपट्टी थाना पुलिस FIR में नामजद अभियुक्त को भी नहीं पकड़ सकी है. अक्टूबर में धनौजा गांव में हरिमोहन झा की हत्या हुई! DSP ने बयान दिया कि शराब माफिया का इसमें संलिप्तता है. थाना पुलिस के कुछ कर्मी पर भी संदेह की जानकारी सामने आई... लेकिन रिजल्ट क्या हुआ? कुछ नहीं। थाना से महज 3-4 किलोमीटर की दूरी पर जगत गांव में 29 वर्षीय सुनील झा कंपाउंडर की हत्या हुई, महीनों बाद पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं है। ढांगा गांव में भी कुछ दिन पहले पुलिस का बर्बरतापूर्ण कारवाई हुआ था जहां घर में घुसकर महिलाओं बच्चें को बेरहमी से पीटा गया था।