Bihar Exit Polls: '18 नवंबर को बनेगी महागठबंधन की सरकार, फर्जी हैं सारे एग्जिट पोल', रिकॉर्ड तोड़ मतदान होने के बाद बोले तेजस्वी यादव

Bihar Exit Polls: तेजस्वी यादव का बयान चुनाव नतीजों से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ाने वाला साबित हुआ है। जहां भाजपा एग्जिट पोल में बढ़त का दावा कर रही है, वहीं तेजस्वी यादव का कहना है कि “जनता ने फर्जी सर्वे नहीं, असली वोट से फैसला किया है।

Bihar Exit Polls
एग्जिट पोल पर तेजस्वी यादव का बयान- फोटो : social media

Bihar Exit Polls:  Bihar Assembly Election 2025 के मतदान खत्म होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सभी एग्जिट पोल को पूरी तरह फर्जी करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि 18 नवंबर को महागठबंधन की सरकार बनेगी और बिहार में कलम का राज स्थापित होगा, यानी ऐसी सरकार जो शिक्षा, रोजगार और युवाओं के भविष्य पर ध्यान देगी।

एग्जिट पोल पर तेजस्वी का हमला

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जारी किए गए सभी एग्जिट पोल भाजपा की साजिश हैं। उनके अनुसार, इन सर्वे का उद्देश्य मतगणना कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पोल्स के पीछे गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति है, जिससे मतगणना के माहौल को प्रभावित किया जा सके।तेजस्वी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल और झारखंड चुनावों में भी ऐसे ही फर्जी एग्जिट पोल जारी हुए थे, जो अंततः गलत साबित हुए।

रिकॉर्ड मतदान को बताया बदलाव का संकेत

तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार जनता ने रिकॉर्ड तोड़ मतदान किया है। 2020 की तुलना में करीब 72 लाख अधिक वोट पड़े हैं, जो इस बात का संकेत है कि लोग परिवर्तन चाहते हैं। उन्होंने बताया कि औसतन हर विधानसभा सीट पर लगभग 32 हजार नए वोटरों ने मतदान किया है। तेजस्वी का दावा है कि “इन वोटों में जनता की नाराजगी झलक रही है, और इस बार महागठबंधन को भारी समर्थन मिला है।”

मतगणना प्रक्रिया पर जताई आशंका

तेजस्वी यादव ने मतगणना को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से गिनती की गति को धीमा करने या परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। उनका कहना था कि अगर किसी तरह की धांधली हुई, तो जनता खुद जवाब देगी।उन्होंने कहा कि “हम डरने वालों में नहीं हैं, बिहार की जनता इस बार अपनी सरकार खुद बनाएगी।”

फर्जी एग्जिट पोल का उद्देश्य बताया मनोवैज्ञानिक दबाव

तेजस्वी यादव ने कहा कि इन फर्जी सर्वेक्षणों का एकमात्र उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना है ताकि वे परिणामों को प्रभावित करने की स्थिति में आ जाएं। उन्होंने याद दिलाया कि 2020 के चुनाव में भी महागठबंधन बेहद मामूली अंतर से सत्ता से दूर रह गया था। इस बार, वे कहते हैं, जनता ने इस गलती को सुधार लिया है।

मीडिया एजेंसियों की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने मीडिया सर्वे करने वाली एजेंसियों की साख पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों के आंकड़े अक्सर गलत साबित होते हैं और ये जनता की राय का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते। तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में कहा कि “जिन एजेंसियों ने पहले लोगों को गलत सूचनाओं से गुमराह किया, वही अब बिहार की जनता के फैसले का अंदाजा लगाने की कोशिश कर रही हैं।”उन्होंने यह भी कहा कि “इन सर्वे का सैंपल साइज और पद्धति किसी को नहीं पता, लेकिन इन्हें प्रचार के जरिये सही दिखाने की कोशिश की जा रही है।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य नेता भी रहे मौजूद

तेजस्वी यादव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ पूर्व मंत्री आलोक मेहता और शिवचंद्र राम मौजूद थे। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि महागठबंधन को जनता का भारी समर्थन मिला है और 18 नवंबर को बिहार में नई सरकार शपथ लेगी।