DGP के आदेश से बिहार पुलिस में हड़कंप,अब सीधे होगी कार्रवाई,नहीं दिया जाएगा वेतन...!
Bihar DGP: राज्य पुलिस मुख्यालय से जारी ताजा आदेश ने थानों में लंबित कांडों की फाइलों पर जमी धूल को झटकने का काम किया है।

Bihar DGP: राज्य पुलिस मुख्यालय से जारी ताजा आदेश ने थानों में लंबित कांडों की फाइलों पर जमी धूल को झटकने का काम किया है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने एक सख्त पुलिस ऑर्डर जारी कर उन अनुसंधान पदाधिकारियोंपर नकेल कस दी है, जो स्थानांतरण के बावजूद लंबित केसों का प्रभार नए पदाधिकारी को सौंपे बिना चले जाते हैं।
इस आदेश के मुताबिक, ऐसे आईओ की एलपीसी और एनओसी जारी नहीं की जाएगी जब तक वे केस का प्रभार विधिवत रूप से हस्तांतरित नहीं कर देते। यह प्रावधान पुलिस प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 35(3) के अनुपालन को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अभियुक्त को नोटिस जारी करने और दो सप्ताह के भीतर उसका तामिला कराने का निर्देश दिया गया है। अभियुक्त के अनुपस्थित रहने की स्थिति में संबंधित न्यायिक अधिकारी को सूचित करना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल गिरफ्तारी न हो पाने की वजह से चार्जशीट में देरी नहीं की जा सकती। उन मामलों में जहां कुछ अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, लेकिन बाकी के विरुद्ध जांच जारी है, वहां पूरे केस को लटकाने की परंपरा पर रोक लगेगी।
अब पर्यवेक्षण पदाधिकारी को अधिकतम 15 दिन के अंदर केस डायरी की समीक्षा कर साक्ष्य आधारित निर्णय लेना होगा। वहीं आईओ को यह निर्देश दिया गया है कि वह केस के बिंदुओं पर शीघ्रता से अनुसंधान पूर्ण करें, ताकि अभियुक्तों पर त्वरित चार्जशीट दाखिल हो सके।
यह नया आदेश स्पष्ट संकेत देता है कि बिहार पुलिस अब अनुसंधान के नाम पर चल रही ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगी। न्याय की प्रक्रिया को तेज, सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है।