Bihar News: तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र के हजारों लोग बेहाल, रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल बंद
Bihar News:पटना को राघोपुर दियारा से जोड़ने वाला रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल रविवार से बंद कर दिया गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों का पटना से सीधा संपर्क टूट गया है।...

Bihar News:पटना को राघोपुर दियारा से जोड़ने वाला रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल रविवार से बंद कर दिया गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों का पटना से सीधा संपर्क टूट गया है। यह स्थिति आने वाले छह महीनों तक बनी रहेगी, जब तक गंगा का जलस्तर सामान्य नहीं हो जाता और पुल दोबारा नहीं खोला जाता। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निगम और ठेकेदार ने जल्दबाजी में निर्णय लिया, जबकि नदी में जलस्तर अभी इतना नहीं बढ़ा है कि पुल को बंद करना आवश्यक हो। मल्लिकपुर गांव को लोगों बताया कि अभी अप्रोच रोड से पानी काफी नीचे है, पुल एक हफ्ता और चल सकता था।
इस निर्णय का सीधा असर राघोपुर, जुड़ावनपुर, चकसिंगार, मल्लिकपुर, सैदाबाद, पहाड़पुर, रामपुर, बिदुपुर के गोकुलपुर और विसनपुर सहित दर्जनों गांवों पर पड़ा है। करीब 50,000 लोगों का प्रतिदिन पटना आना-जाना होता है — जिनमें मजदूर, दूध-सब्ज़ी विक्रेता, कार्यालयकर्मी, छात्र और मरीज शामिल हैं। अब इन्हें नावों का सहारा लेना होगा, जिससे न केवल समय अधिक लगेगा, बल्कि अतिरिक्त किराया और जान का जोखिम भी बढ़ेगा।वहीं क्षेत्र के छात्रों का कहना है कि नाव से स्कूल जाना मुश्किल है, कभी-कभी देर से पहुंचते हैं और डर भी लगता है।
पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने बताया कि सभी पीपा पुलों को मानसून से पहले 15 जून तक खोलने का आदेश पहले ही दिया गया था। जलस्तर और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। स्थानीय लोग इस स्थिति से असंतुष्ट है। लोगों का कहना है कि सरकार वर्षों से स्थायी पुल की मांग को नजरअंदाज कर रही है, जबकि इस क्षेत्र की आबादी 3 लाख से अधिक है। कामकाज, पढ़ाई, इलाज के लिए प्रतिदिन हजारों लोग पटना पर निर्भर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात में जब कटाव होता है तो हालात और खराब हो जाते हैं। अब समय आ गया है कि यहां स्थायी 6 पाए वाला पुल बने। इससे न केवल सुरक्षित यात्रा संभव होगी बल्कि दियारा क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा।स्थानीय लोगों का आक्रोश और मांग अब सरकार के समक्ष एक बार फिर स्पष्ट संकेत दे रही है कि केवल अस्थायी समाधान नहीं, बल्कि स्थायी आधारभूत संरचना ही इस क्षेत्र के भविष्य को दिशा दे सकती है।