Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में मतदाताओं ने ‘निर्दलियों’ को नहीं दिया भाव, बीस वर्षों में 17 से घटकर ‘शून्य’ हो गयी विधायकों की संख्या

Bihar Election 2025 : पिछले 20 सालों में निर्दलियों विधायकों की संख्या शून्य हो गयी है. 2025 के चुनाव में बिहार के मतदाताओं ने उनको भाव नहीं दिया है........पढ़िए आगे

Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में मतदाताओं ने ‘निर्दलियो
निर्दलियों को भाव नहीं - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार विधानसभा के लिए हुए चुनाव में एनडीए ने भारी जीत हासिल की है। जबकि महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव की ख़ास बात यह रही की इसमें निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए सफलता का आंकड़ा शून्य रहा, जो प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। इस चुनाव में एक भी निर्दलीय प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सका, जबकि पिछले चुनावों में उनका प्रतिनिधित्व रहा था। 2020 के चुनाव में जहां एक निर्दलीय विधायक (सुमित कुमार) चुनकर आए थे, वहीं 2015 में चार और 2005 में रिकॉर्ड 17 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।

यह चुनाव परिणाम साफ संदेश देता है कि बिहार की राजनीति में निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए अब राजनीतिक जमीन लगातार कठिन होती जा रही है। 2005 के चुनाव में 1499 निर्दलीय उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी। इसके विपरीत, इस बार स्थापित दलों के सामने व्यक्तिगत जनाधार वाले उम्मीदवार भी अपनी जगह नहीं बना पाए। यह स्थिति दिखाती है कि अब मतदाता स्पष्ट रूप से गठबंधन या दल-आधारित राजनीति की ओर झुक रहे हैं।

पिछले चुनाव में जमुई जिले की चकाई सीट से एकमात्र निर्दलीय विधायक रहे सुमित कुमार ने इस बार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि, पार्टी के बागी उम्मीदवार द्वारा वोट काटे जाने के कारण उन्हें राजद की सावित्री देवी से हार का सामना करना पड़ा। उनका दलगत राजनीति में शामिल होने के बावजूद हारना, निर्दलीय पृष्ठभूमि के नेताओं के लिए बदलती चुनौतियों को दर्शाता है। कई बड़े चेहरों ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुकाबले को दिलचस्प बनाया, लेकिन जीत तक नहीं पहुंच पाए। परिहार सीट से राजद महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष रितु जायसवाल टिकट न मिलने पर निर्दलीय उतरीं और कड़ा मुकाबला करते हुए दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं, पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने जमालपुर और अररिया, दो सीटों से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।

भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने भी रोहतास जिले की काराकाट सीट से निर्दलीय भाग्य आजमाया और 23,469 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहीं। इसके अलावा, सिकटा में खुर्शीद फिरोज अहमद, कुशेश्वरस्थान में गणेश भारती और मोहनिया में रविशंकर पासवान जैसे कई निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहकर जीत से चूक गए। इन नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की विधानसभा में अब दल-आधारित राजनीति का दबदबा निर्विवाद रूप से स्थापित हो चुका है।