Mock Drill: बिहार में आज बजेगा युद्ध वाला सायरन, मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के समय हर नागरिक को क्या क्या करना होगा
Mock Drill: देश के 244 जिलों के 259 संवेदनशील जगहों पर बुधवार शाम 7 बजे मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होगा. यह एक प्रकार से युद्ध के समय आपात स्थितियों से निपटने का एक प्रशिक्षण होता है. बिहार में भी इस दौरान युद्ध वाला सायरन बजेगा.

Mock Drill: बिहार में आज युद्ध वाला सायरन बजेगा. भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में आतंकवादियों के 09 ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद बुधवार को देश भर में शाम 7 बजे से मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होगा. पटना सहित बिहार के छह शहरों में 6:58 पर युद्ध वाला सायरन बजेगा. इस दौरान पटना में 10 मिनट का ब्लैकआउट भी होगा यानी किसी प्रकार के बिजली उपकरण नहीं जलेंगे. युद्ध तथा आपातकाल की स्थिति में इस तरह की ड्रिल की जाती है. ऐसे में बिहार सहित पूरे देश में हो रहे मॉक ड्रिल को लेकर जिलों का चयन भी हो चुका है और इस दौरान क्या क्या करना होगा उसे लेकर भारत सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी किये गए हैं.
देश में पहली बार 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की मॉक ड्रिल हुई थी, तब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ था. ऐसे में करीब 5 दशकों के बाद यह मॉक ड्रिल हो रही है जो आज के समय के अधिकांश भारतियों के लिए बिलकुल नया अनुभव है. इस बार के अभ्यास में 244 जिलों में मॉक ड्रिल की जा रही है, जिनमें से लगभग 100 को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इन जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. कैटेगरी 1 में वे जिले हैं जो अत्यधिक संवेदनशील माने गए हैं.
हवाई हमले का सायरन
मॉक ड्रिल के दौरान एयर स्ट्राइक/हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन (Air Raid Sirens) बजाया जाएगा। इमरजेंसी में यह अलार्म सिस्टम लोगों को हवाई हमले के प्रति सचेत करते हैं ताकि लोग सेफ प्लेस पर पहुंच जाएं।
नागरिकों को ट्रेनिंग
आम लोगों के लिए स्कूल, ऑफिस और कम्युनिटी सेंटर्स में वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। यहां सिखाया जाएगा कि हमले के दौरान क्या करें। जैसे- ‘ड्रॉप एंड कवर’ तकनीक (झुककर छिप जाओ और कान बंद कर लो), नजदीकी शेल्टर का पता लगाना, प्राथमिक चिकित्सा देना और तनाव के समय शांत रहना सिखाया जाएगा।
क्रैश ब्लैकआउट
देश में अचानक ब्लैकआउट की प्रैक्टिस की जाएगी। इसमें लाइट कट कर दी जाएगी। रौशनी वाले सभी उपकरण बंद कर दिए जाएंगे ताकि हवाई हमले के दौरान दुश्मन की नजर से बचा जा सके। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान क्रैश ब्लैकआउट व्यापक तौर पर पालन किया गया था।
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज (Camouflage Exercises) यानी सैन्य ठिकानों, संसद, संचार टावरों और बिजली संयंत्रों जैसी रणनीतिक इमारतों और प्रतिष्ठानों को इस तरह ढक (छलावरण) दिया जाएगा कि सैटेलाइट या हवाई निगरानी के दौरान पहचाना ना जा सके।
मॉक ड्रिल के बाद क्या होगा?
जब मॉक ड्रिल हो जाएगी तो ड्रिल में शामिल होने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक Action Taken Report रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट में एक्शन, कार्यान्वयन (execution), निष्कर्ष (findings) और सुधार (improvement) के क्षेत्रों का विवरण होगा।