Bihar By- Election 2024: बिहार में आज सत्ता का सेमीफाइल होने जा रहा है। बिहार के चार विधानसभा सीटों बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ में उपचुनाव के लिए मतदान शुरु हो गया है। यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है दरअसल, साल 2025 में विधानसभा का चुनाव होने वाला है ऐसे में इन चार सीटों के उपचुनाव को सेमी फाइनल माना जा रहा है। 23 नवंबर को मतगणना होना है।
चार सीटों पर कांटे की टक्कर
इन चार सीटों पर कुल 38 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से 33 पुरुष और 5 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ लगी हुई है। सुबह से वोटर्स मतदाता केंद्र पर पहुंच रहे हैं। गया के दो सीट इमामगंज और बेलागंज के दो विधानसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है। कैमूर के रामगढ़ तो वहीं तरारी विधानसभा सीट पर सुबह सात बजे से ही मतदान जारी है। रामगढ़ की बात करें तो यहां सुबह से ही वोटर्स का आना जाना लगा हुआ है। मतदाता केंद्र पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होना है।
रामगढ़ में 2.90 लाख मतदाता डालेंगे वोट
रामगढ़ में वोट डालने के लिए सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार लगी हुई है। वहीं मतदान केंद्र पर डीएम-एसपी पहुंचकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि घर से निकल कर अधिक से अधिक मतदान करे। रामगढ़ में 294 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां 2.90 लाख मतदाता मतदान करेंगे। वोटिंग का जायजा लेने और बूथ निरीक्षण करने के लिए कैमूर एसडीएम और डीएसपी भी पहुंचे। एसडीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा कि अभी हम लोग रामगढ़ विधानसभा के दुर्गावती में है सुबह 7:00 से मतदान शुरू हो गया है लोग कतार में लगकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
एसडीएम की खास अपील
उन्होंने कहा कि, लोगों से हम अपील करेंगे कि जितना हो सके मतदान करें आकर हमारा वोटिंग परसेंटेज बढ़ाए। पहले मतदान फिर करें जलपान सभी लोग आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। मोहनिया एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि शांतिपूर्ण माहौल में वोटिंग को संपन्न कराया जाए। रामगढ़ के लोगों मतदाताओं ने वोटिंग को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।
रामगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला
बता दें कि, रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राजद और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर तो है ही लेकिन बहुजन समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दी है। वहीं पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे प्रशांत किशोर ने भी जनसुराज के उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। अब देखना होगा रामगढ़ के इतिहास फिर दोहराएगा या नहीं? रामगढ़ में राजद का ही कब्जा बना रहता है या फिर इस बार बीजेपी, बसपा या जनसुराज बाजी को पलट देगी?
रामगढ़ का राजा कौन?
दरअसल, रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद का चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव कराया जा रहा है। मालूम हो कि, 2020 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी भाजपा, राजद और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिख रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के सुधाकर सिंह ने महज 189 वोटों से बसपा के अंबिका यादव को हराया था। मात्र 1999 में मत पीछे रहकर भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह तीसरे स्थान पर चले गए थे।
अपनी पारंपरिक सीट बचा पाएगी राजद?
ठीक वैसे ही इस बार भी उपचुनाव में राजद को कांटे के मुकाबले की अपनी सीट को बचाने की चुनौती है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजद के लिए पारंपरिक सीट है। इस बार चुनावी मैदान में राजद ने जगदानंद सिंह के छोटे बेटे और यहां के पूर्व विधायक सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ बसपा ने अंबिका यादव के भतीजे सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के अशोक सिंह फिर उम्मीदवार हैं। तो वहीं जनसुराज की ओर से सुनील कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं।
रामगढ़ से देवव्रत की रिपोर्ट