Bihar bypoll election 2024: बिहार के 4 विधानसभा सीट रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज में 13 नवबंर को मतदान होना है। वहीं अब बिहार विधानसभा उपचुनाव का मुकाबला रोचक होता जा रहा है। उपचुनाव में अब तक त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन अब उपचुनाव के मैदान में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने ताल ठोंक दी है। जिससे मुकाबले का रोमांच और बढ़ गया है। ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। जल्द ही बाकी दो सीटों पर भी ओवैसी की पार्टी उम्मीदवार उतारने वाली है।
ओवैसी बिगाड़ेंगे खेल !
जानकारी अनुसार ओवैसी की पार्टी ने बेलागंज और इमामगंज से अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी ने गया की दो विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। बेलागंज से ओवैसी की पार्टी ने मोहम्मद जमीन अली को एआईएमआईएम का उम्मीदवार बनाया है तो वहीं इमामगंज से कंचन पासवान को मैदान में उतारा है। वहीं जल्द ही भोजपुर के तारारी और कैमूर के रामगढ़ सीट से एआईएमआईए के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।
चारों विधानसभा सीट पर उतारा उम्मीदवार
चुनावी मैदान में ओवैसी की पार्टी के आने से मुकाबला औऱ रोमांचक हो गया है। एनडीए गठबंधन की बात करे तो इन दोनों सीट में एक बेलागंज की सीट जदयू तो इमामगंज की सीट हम पार्टी के पास है। वहीं जनसुराज ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार विधानसभा उपचुनाव में कौन बाजी मारता है। बता दें कि, 13 नवंबर को मतदान होना है वहीं 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित हो जाएंगे।
बेलागंज में गढ़ बचा पाएंगे सुरेंद्र यादव ?
बेलागंज सीट की बात करें तो बेलागंज में एनडीए की ओर से जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी मैदान में हैं तो वहीं राजद की ओर सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रशांत किशोर ने इस सीट से पहले प्रो. खिलाफत हुसैन को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद पीके ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है। जनसुराज की ओर से अब बेलागंज से मो. अमजद चुनाव लड़ेंगे। वहीं ओवैसी ने यहां से मोहम्मद जमीन अली को अपना उम्मीदवार बनाया है।
त्रिकोणीय मुकाबला
बता दें कि बेलागंज सीट राजद नेता सुरेंद्र यादव का गढ़ रहा है। पिछले 6 बार से सुरेंद्र यादव यहां लगातार विधायक रहे हैं। ऐसे में इस बार मैदान में सुरेंद्र यादव के बेटे अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अब देखना होगा कि बेलागंज में सुरेंद्र यादव अपनी गढ़ बचाने में कामयाब होते हैं या फिर नहीं। दरअसल, बेलागंज में मुस्लिम और यादव वोटर्स अधिक हैं ऐसे में जदयू ने यादव उम्मीदवार और एआईएमआईए और जनसुराज ने मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर राजद का समीकरण बिगाड़ दिया है।
इमामगंज में विरासत बचाएंगी मांझी की बहू?
वहीं अगर इमामगंज विधानसभा सीट की बात करें तो इमामगंज सीट ने ओवैसी की पार्टी ने कंचन पासवान को टिकट दिया है। तो वहीं एनडीए की ओर से हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी मैदान में हैं। राजद ने इमामगंज से रौशन मांझी को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं जनसुराज ने जितेंद्र पासवान को इमामगंज से टिकट दिया है। इस सीट पर पहले जीतनराम मांझी का कब्जा था ऐसे में मांझी की बहू अपने ससुर की विरासत बचाने में कामयाब होती है या नहीं देखना दिलचस्प होगा। हालांकि इन सबकी निगाहें बेलागंज पर होगी कि बेलागंज में राजद अपना गढ़ बचा पाती है या नहीं।