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Bihar Hooch Tradegy : 'सुशासन' की 'शराबबंदी' ने 12.7 लाख लोगों को पहुंचाया जेल, 'संदिग्ध जहरीली शराब' से 266 लोगों की हुई मौत

दुर्गा पूजा के बाद बिहार के सारण और सिवान में जहरीली शराब पीने से अब 25 लोगों की मौत की पुष्टि भी हो चुकी है. वहीं अप्रैल 2016 से अब तक बिहार में 'संदिग्ध जहरीली शराब से मौतों' की संख्या 266 है.

Bihar Hooch Tradegy

Bihar Hooch Tradegy : बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी है. इसके बावजूद इन वर्षों में शायद ही ऐसा कोई दिन गया हो जब बिहार के किसी न किसी कोने में शराब जब्ती नहीं हुई हो. यहां तक कि राज्य की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत सरकार कई प्रकार की सख्ती दिखाने और जागरूकता के बाद भी न तो शराब की तस्करी रोक पाई है और ना ही शराब पीने वाले बाज आ रहे हैं. दुर्गा पूजा के बाद बिहार के सारण और सिवान में जहरीली शराब पीने से अब 25 लोगों की मौत की पुष्टि भी हो चुकी है. तो ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इस शराबबंदी को कैसे सफल कहा जाए? 


वहीं पिछले महीने यानी सितम्बर 2024 तक बिहार सरकार ने स्वीकार किया है कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी के बाद से राज्य में अवैध शराब पीने से 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मद्य निषेध एवं आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार (23 सितंबर) को यह जानकारी दी. हालांकि, अधिकारी ने बताया कि आठ वर्षों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से 'संदिग्ध जहरीली शराब से मौतों' की संख्या 266 है.


आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले वर्ष जून 2023 में जारी आंकड़े के अनुसार बिहार में हर दिन औसत 400 से ज्यादा लोगों की शराब से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी होती है. इतना ही नहीं हर दिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब 6600 छापेमारी होती है. इसके बाद भी शराब के लाल पानी का काला काराबोर बदस्तूर जारी है. तब शराबबंदी से जुड़े मामलों को लेकर बिहार सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हर महीने तकरीबन दो लाख के आसपास छापेमारी होती है. यानी औसत हर दिन राज्य में 6600 से ज्यादा छापेमारी होती है. वहीं शराब से जुड़े मामलों में पिछले एक साल में 1 लाख 58 हजार लोगों को जेल भेजा गया है. 


ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में छापेमारी के बाद भी आखिर कैसे जहरीली शराब का कारोबार चलता है. इतना ही नहीं हर दिन कहीं न कहीं से शराब जनित मामलों में गिरफ्तारी होती है फिर भी शराबबंदी की धज्जियां उड़ाने से तस्कर बाज नहीं आते. पिछले महीने ही मद्य निषेध एवं आबकारी विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा था कि राज्य में सबसे अधिक जहरीली शराब से मौतों की रिपोर्ट जिन जिलों में हुई हैं, उनमें सारण, गया, भोजपुर, बक्सर और गोपालगंज शामिल हैं. उन्होंने बताया, "अगस्त 2024 तक विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 8.43 लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें राज्य के बाहर के 234 लोगों सहित कुल 12.7 लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. संबंधित अधिकारियों ने अब तक 3.46 करोड़ लीटर शराब जब्त की है, जिसमें देसी शराब भी शामिल है."

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