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Bihar News : आरसीपी सिंह ने किया नई पार्टी का गठन, सीएम नीतीश और भाजपा के खिलाफ बनाई 'आप सबकी आवाज'

पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने गुरुवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा की. सरदार पटेल की जयंती के मौके पर उन्होंने अपने पार्टी की घोषणा की. बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अरसे तक नजदीकी रहे आरसीपी ने जदयू छोडकर भाजपा ज्वाइन किया था.

RCP Singh
RCP Singh/ Aap sabki awaaz - फोटो : news4nation

Bihar News : पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने गुरुवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा की. सरदार पटेल की जयंती के मौके पर उन्होंने अपने पार्टी की घोषणा की. आरसीपी की पार्टी का नाम 'आप सबकी आवाज' है. बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अरसे तक नजदीकी रहे आरसीपी ने जदयू छोडकर भाजपा ज्वाइन किया था. लेकिन भाजपा में उनकी रजनीतिक इच्छाएं पूरी नहीं हुई तो उन्होंने अब अपनी अलग पार्टी बना ली है.  


आप सबकी आवाज का शोर्टफॉर्म 'आसा' रखा गया है. वहीं पार्टी के झंडे में 3 रंग शामिल किये गये हैं. इसमें झंडे में सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा. आरसीपी सिंह ने कहा कि 'जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा. आरसीपी सिंह  ने कहा कि उनका मकसद अपने दल को राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ स्तर तक ले जाना है.  उन्होंने कहा मैं एक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष था उसको बूथ स्तर तक ले जाने का प्रयास किया था. अब अपनी पार्टी है तो उसे बूथ स्तर तक ले जाएंगे. उन्होंने इशारों में नीतीश कुमार की जदयू के संगठन विस्तार में अपनी अहम भूमिका गिनाई. उसी तर्ज पर अपनी नई पार्टी आप सबकी आवाज को विस्तारित करने का संकल्प लिया. 


आरसीपी सिंह बिहार विधानसभा चुनाव से साल भर पहले अपनी नई पार्टी बिहार में उतार रहे हैं. वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए राजनीतिक पार्टी कैसे चलती है. इसका काफी अनुभव है. आरसीपी सिंह भी उसी कुर्मी जाति से आते हैं जिस जाति से नीतीश कुमार आते है. वहीं नीतीश कुमार के साथ उनका करीब 24 वर्षों का साथ रहा.  नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया था. हालांकि नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने को लेकर आरसीपी और ललन सिंह के बीच में विवाद शुरू हुआ. विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा. वहीं ललन सिंह को नीतीश ने पार्टी की कमान दे दी. इन सबके बीच आरसीपी और नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी.वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए छोड़ अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे. इसके बाद आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे. हालाँकि इसी साल फिर से जदयू और भाजपा के साथ एनडीए में आ गये. वहीं आरसीपी को भाजपा ने किनारे कर दिया. इससे नाराज आरसीपी ने अब अपनी पार्टी 'आसा' का गठन कर लिया. 


1982 बैच के आईएएस आरसीपी सिंह पिछले कुछ महीने से राजनीति में सक्रिय नहीं होने के बाद अचानक से पटना की सड़कों पर 'टाइगर अभी जिंदा है' वाला पोस्टर लगवाया.  इसके साथ ही उनके राजनीती के फिर से सक्रिय होने की बातें सामने आ गई. अब उन्होंने अपने दल का गठन किया है. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले आरसीपी सिंह अब सभी दलों के खिलाफ ताल ठोकेंगे.

नरोत्तम की रिपोर्ट 

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