PATNA : एक दल के दो नेता ,दोनो वक्ता एवं प्रवक्ता। मौका मिलते ही जुबान लपलपाने लगती हैा जाहिर सी बात है दल के सबसे बड़े नेता ने जो बोलने की छूट दे रखी है। माइक देखते ही इन दोनो का मन कुलबुलाने लगता है। ऑफ दी रिकार्ड छोड़िये टीवी के स्क्रीन और कैमरा के साथ लोगों वाला माइक देखते ही मच्छर की तरह भिनभिनाने लगते है। हां एक बात और बता दें की ये सिर्फ भिनभिनाते ही नही है। कब बेजगह बुरी तरह काट ले सामने वाला उसको खुजलाते परेशान हो जाता है।
आदत तो आदत होती है भाई। किसी तरह का घटना क्रम हो नेता जी मौैका नही छोड़ते। क्या मरनी ,क्या जीनी या यूं कहिए पूण्यतिथि ,जन्मतिथि ,स्थापना दिवस। माने यूं समझ लिजिए कि कुछ भी हो। बिना बोले पेट में गैस बन जाता है। हालांकि कई बार फंस भी जाते हैं। लेकिन नेता है उनका कोई मलाल नही रहता है।
जैसा कि बताए मरनी जीनी छोड़ते नही ,बात एक फिर एक नेता के निधन की आ गई। नेता जी ने आंव न देखा ताव। अपना सियासी अंक गणित निकाला ,समीकरण बैठाया और रिज्लट जारी कर दिया। जनता जर्नादन को तो पता ही है कि नेता लोग को बोलने के लिए अब एक ही प्लेचफार्म नही है कई प्लेटफार्म पर फूफकारते रहते हैं।
इसी कड़ी में एक नेता ने कहा की पार्टी के दिवंगत नेता ने कभी चुनाव नहीं हारा। लेकिन दूसरे नेता ने तुरंत पलटवार कर दिया। उन्होंने तुरंत कह दिया की दिवंगत नेता के चुनाव नहीं हारने की बात गलत है। वे दो बार चुनाव हारे हैं। अब प्रवक्ता में इतनी मतभिन्नता कैसे हैं, भगवान जाने।
ऋतिक की रिपोर्ट