Bihar Vidhan Parishad : बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी. विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदने पिछले पांच दिनों में हुए काम काज ब्यौरा देने और इस दौरान सदन में पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के सहयोग के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया. साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी. वहीं इसके पहले सदन में एनडीए के कई एमएलसी ने विभिन्न मुद्दों पर शिक्षा विभाग के अलग अलग फैसलों और आदेशों तथा निर्देशों को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा.
भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव और जदयू के संजीव कुमार ने अपनी ही सरकार को शिक्षकों के मुद्दे पर घेरा. बिहार विधान परिषद में नवल किशोर यादव ने कहा कि बीपीएससी शिक्षक सीनियर बनाए गये हैं. वहीं सक्षमता पास नियोजित शिक्षक जूनियर माने गये हैं. वहीं नियोजित शिक्षक नियमित रूप से 18-20 साल तक का अनुभव रखते हैं. ऐसे में एक ही काम के लिए जो अनुभवी शिक्षक हैं उन्हें जूनियर मानना गलत है. उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों में अनुभव को प्रमोशन में ध्यान देकर रखा जाता है. ऐसे में नियोजित शिक्षक के अनुभव को दरकिनार कर उनके पर बीपीएससी शिक्षक को सीनियर बताना प्रताड़ित करना है. हालाँकि शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि हमने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया है. सीएम नीतीश भी इसे लेकर संवेदनशील हैं. क़ानूनी बाध्यता के कारण यह नियम लाया गया लेकिन हम इस पर संवेदनशील होकर विचार करेगे.
इसके पहले एमएलसी शशि यादव ने रसोइयों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 1650 रुपए रसोइया को मिलता है. यह पूरे देश में सबसे कम है. वहीं उन्हें पार्ट टाइम कर्मी कहा जाता है जोगलत है. उन्होंने कहा कि सरकर की ओर से कहा गया है कि सितम्बर और अक्टूबर का भुगतान किया जा रहा है. यह बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि बिहार एक मिसाल कायम करे. उनका मानदेय कम से कम 10 हजार रुपए किया जाए. इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. सीएम नीतीश ने तालिमीमरकज, टोला सेवक आदि के मानदेय बढ़ाया है. इनका भी मानदेय बढ़ाया जायेगा. इस पर शशि यादव ने कहा कि रसोइया को 10 महीने नहीं बल्कि 12 महीने का मानदेय दिया जाए.
के. के पाठक के आदेश पर हंगामा
के. के पाठक जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब उन्होंने कहा था कि जो शिक्षक आंदोलन करेंगे उनका वेतन काटा जाएगा। वहीं के.के पाठक के आदेश के अनुसार वीडियो देखकर शिक्षकों का 15 दिन का वेतन काट लिया गया था। शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि, वो इस मामले में जांच करेंगे। जिन भी शिक्षकों की वेतन काटी गई है उनको वापस दिया जाएगा। दरअसल, जेडीयू एमएलसी डॉक्टर संजीव कुमार ने शिक्षकों के वेतन कटौती पर सवाल उठाया उनका कहना है कि पदाधिकारी का वेतन की कटौती नहीं होती है लेकिन शिक्षकों की वेतन काटी जाती है। ऐसे में सरकार पर सवाल उठते हैं उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाए निदेशक माध्यमिक और निदेशक प्राथमिक शिक्षा पदाधिकारी से मांगा जाए किस आधार पर उन्होंने वेतन की कटौती की है।
.