Bihar Vidhansabha : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन शुरू होने से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने कई मुद्दों पर नीतीश सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है. विधानसभा के बाहर वामदलों के विधायकों ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने को लेकर नारेबाजी की. उन्होंने विधवा और वृद्ध पेंशन की राशि केरल की तरह तीन हजार रुपए महीना करने की मांग की. इसी तरह जीविका दीदी को 25 हजार रुपए मासिक देने की मांग की गई. राज्य भर से जुटी हजारों जीविका दीदी द्वारा मंगलवार को गर्दनीबाग में प्रदर्शन किया गया था. अब विधानसभा में भी उनके समर्थन में वामदलों के विधायक एकजुट हो गये हैं.
आंखों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे राजद विधायक
राजद विधायक आंख पर काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचे हैं। साथ ही उनके हाथों में तख्ती भी है जिसपर लिखा है कि 'मैं सुशासन बाबु हूं, मैं अंधा हो गया हूं, मुझे कुछ नहीं दिख रहा है"। दूसरे तख्ती पर लिखा गया है कि शराब नहीं किताब दो मदिरालय नहीं पुस्तकालय दो। दोनों तख्ती पर सीएम नीतीश का कार्टून भी बनाया गया है। राजद विधायक का कहना है कि, बिहार में अफसरशाही का बोलबाला है। बिहार में लूट-खसोट जारी है।
सरकार को दिखा रहे आइना
राजद विधायक ने कहा कि बिहार में जिस तरह से घटनाएं घट रही है और सभी लोग कह रहे हैं कि सुशासन की सरकार है उनको मैं आइना दिखाना चाहता हूं कि यहां जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है, बैग में शराब ले जाया जा रहा है, हर तरफ अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है। राजद विधायक मुकेश रौशन सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले बिहार विधानसभा के बाहर भारी बवाल काटा है।
लिफ्ट के विधायक सामाजिक सुरक्षा पेंशन केरल के तर्द पर प्रति माह 3 हजार रुपए देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही जीविका आशा कर्मी और ममता को स्थायी कर 25000 वेतन देने की भी मांग कर रहे हैं। लिफ्ट विधायकों को कहना है कि बिहार सरकार जो पैसा दे रही है वो अपर्याप्त है। विधवा, विकलांग और वृद्धजनों को सरकार द्वार दिए गए 400 रुपए से कोई मदद नहीं मिल रहा है। इसलिए इस मंहगाई में बिहार सरकार को भी केरल के तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3 हजार प्रति माह देना चाहिए। साथ ही लिफ्ट विधायकों की मांग है कि जीविका आशा कर्मी और ममता कर्मियों को स्थायी की जाए और 25000 हजार पेंशन दें। लिफ्ट विधायकों ने कहा कि सरकार केवल अडानी-अंबानी के बारे में सोचती है, सरकार बहरी हो गई है।