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Bihar Vidhansabha : वक्फ संशोधन बिल को लेकर विधानसभा में भारी हंगामा, नीतीश सरकार शर्म करो, नीतीश सरकार हाय हाय से गूंजा सदन

वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ बुधवार को बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. वामदलों सहित राजद आदि दलों के सदस्यों द्वारा नीतीश सरकार से मांग की गई कि बिहार सरकार को फौरन सदन के अंदर एक प्रस्ताव लाकर इस वक्फ संशोधन को खारिज करे.

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Bihar Vidhansabha- फोटो : news4nation

Bihar Vidhansabha : वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ बुधवार को बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. वामदलों सहित राजद आदि दलों के सदस्यों द्वारा नीतीश सरकार से मांग की गई कि बिहार सरकार को फौरन सदन के अंदर एक प्रस्ताव लाकर इस वक्फ संशोधन को खारिज करने की मांग करनी चाहिए. विधान सभा में प्रश्न काल खत्म होते ही विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश. हालाँकि अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सीधे ख़ारिज करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार का मुद्दा है. इस पर वहां पहले कमेटी गठित हो गई है. ऐसे में जो मुद्दा बिहार सरकार का है ही नहीं उस पर कैसे यहाँ बहस होगी. नंद किशोर यादव ने सभी से अपनी सीटों पर बैठने की अपील की. हालाँकि इसके बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा. 


इसके पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश की एक पुरानी इच्छा बताकर ग्रामीण कार्य विभाग को घेरा. सदन में ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मरम्मती से जुड़े सवाल पर विभाग के मंत्री अशोक चौधरी जवाब दे रहे थे. इसी दौरान तेजस्वी  ने बीच में टोकते हुए कहा कि जब वे (राजद) सरकार का हिस्सा थे तब  ग्रामीण कार्य विभाग के वही मंत्री थे. उस समय सीएम नीतीश ने अपनी इच्छा जाहिर की थी सड़क निर्माण और मरम्मती के काम ठेकेदारों से ना कराकर विभाग उसे खुद करे. तेजस्वी ने कहा कि क्या सरकार इसे लागू करेगी. 


इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार की पहली कोशिश बिहार की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करना और उन्हें बेहतर बनाना है. अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव है. इसलिए प्राथमिकता के हिसाब से जून 2025 तक सभी सड़कों को तेजी से बनाना है. उन्होंने कहा कि फ़िलहाल काम ठेकेदारों द्वारा ही कराया जाएगा और सीएम नीतीश की इच्छा को हम बाद में पूरा करेंगे. उसके लिए दीर्घकालिक योजना बनानी होगी. 


इसके पहले भी बिहार विधानसभा में बुधवार को भाजपा और राजद के विधायक नीतीश सरकार की योजना के खिलाफ एकजुट हो गये. ग्राम पंचायतों में सफाई कार्य में लगे स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान नहीं होने और स्वच्छता कार्य में उपयोग किए जाने वाले ठेला किस्म की गाड़ियों की जर्जर स्थिति के मुद्दे पर भाजपा और राजद दोनों दलों के विधायक एकसुर में विरोध में उतर गए. भाजपा के अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने इस मुद्दे को उठाया. इस पर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान एक वर्ष तक विभाग द्वारा किया जाता है. उसके बाद पंचायत अपने स्तर पर उनका  भुगतान करती है. इसके लिए 30 रुपए प्रति महीना प्रति घर लेती है. 


हालाँकि श्रवण कुमार के इस जवाब पर भाजपा के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए. राजद की ओर से सूर्यकान्त पासवान सहित कई सदस्यों ने एक सुर में कहा कि पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान कई महीनों से शेष है. हालाँकि श्रवण कुमार ने कहा कि ऐसे स्वच्छता कर्मियों का नाम बताया जाए हम उनका मानदेय भुगतान 15 दिनों में कराएंगे. इस पर राजदस सदस्यों ने फिर से कहा कि यह संख्या कोई एक दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में है. ऐसे में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान के मुद्दे पर भाजपा और राजद के सदस्य एक सुर में सदन में नीतीश सरकार के विभाग के खिलाफ एकजुट दिखे. 

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