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Bihar Politics: 'राजद नहीं, मियाँ है,'राजद को नेस्तनाबूद कीजिए. '... भाजपा विधायक के विवादित बयान से मच गया हड़कंप, वीडियो वायरल

'राजद को नेस्तनाबूद कीजिए. वह राजद नहीं, मियाँ है. चाहे वह कोई भी कैंडिडेट रहे, मियाँ है'. ये कहते हुए भाजपा विधायक को एक वीडियो में सुना जा सकता है।

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भाजपा विधायक के विवादित बयान से मच गया हड़कंप- फोटो : Reporter

Bihar Politics:  राजद को नेस्तनाबूद कीजिए. वह राजद नहीं, मियाँ है. चाहे वह कोई भी कैंडिडेट रहे, मियाँ है. ये कहते हुए भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र को एक वीडियो में सुना जा सकता है।  भागलपुर जिले के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक इंजीनियर शैलेंद्र का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। न्यूज4नेशन इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। यह वीडियो उनके विधानसभा क्षेत्र बिहपुर के ध्रुवगंज में जनता संवाद के दौरान का बताया जा रहा है। विधायक द्वारा दिए गए बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता के बीच भी हलचल पैदा कर दी है।

विधायक ने अपने भाषण में राजद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "राजद को समाप्त कर दीजिए। यह राजद नहीं, बल्कि मियाँ है। चाहे वह कोई भी उम्मीदवार हो, वह मियाँ है।" इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुस्लिम समुदाय ने उनके द्वारा किए गए कार्यों के बावजूद उन्हें वोट नहीं दिया। उन्होंने हिन्दुओं से आग्रह किया कि वे "हिन्दू बनें" और कहा कि यदि ऐसा नहीं करेंगे तो यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, "हम एक बच्चा पैदा करते हैं, और वह 20 बच्चे पैदा करता है।" इस बयान को लेकर विपक्ष ने भाजपा विधायक पर राजनीतिक नैतिकता को नुकसान पहुंचाने और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। राजद के नेताओं ने विधायक के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे नफरत फैलाने वाला और समाज को विभाजित करने वाला बताया है।

विधायक ने अपने भाषण में राजद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "राजद को समाप्त कर दीजिए। यह राजद नहीं, बल्कि मियाँ है। चाहे वह कोई भी उम्मीदवार हो, वह मियाँ है।" इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुस्लिम समुदाय ने उनके द्वारा किए गए कार्यों के बावजूद उन्हें वोट नहीं दिया। उन्होंने हिन्दुओं से आग्रह किया कि वे "हिन्दू बनें" और कहा कि यदि ऐसा नहीं करेंगे तो यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, "हम एक बच्चा पैदा करते हैं, और वह 20 बच्चे पैदा करता है।" इस बयान को लेकर विपक्ष ने भाजपा विधायक पर राजनीतिक नैतिकता को नुकसान पहुंचाने और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। राजद के नेताओं ने विधायक के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे नफरत फैलाने वाला और समाज को विभाजित करने वाला बताया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि इस प्रकार के बयान चुनावी रणनीति के तहत दिए जाते हैं, जिससे समाज के एक विशेष वर्ग को आकर्षित किया जा सके। हालांकि, ऐसे बयानों के परिणामस्वरूप समाज में विभाजन उत्पन्न होता है और धार्मिक सद्भावना को गंभीर नुकसान पहुँचता है।

यह प्रश्न उठता है कि क्या राजनीति में इस तरह की भाषा और मानसिकता के लिए कोई स्थान है? क्या समाज को विभाजित करके चुनावी लाभ प्राप्त करना लोकतंत्र की मूल भावना के विरुद्ध नहीं है? क्या ऐसे बयानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि राजनीतिक नेताओं को उत्तरदायी ठहराया जा सके?

भारत एक विविधताओं से भरा देश है। हमारे संविधान ने प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान की है। इस संदर्भ में, किसी विशेष समुदाय को लक्षित करना न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव को भी कमजोर करता है। राजनीतिक दलों और नेताओं की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से समाज को एकजुट करने का प्रयास करें, न कि विभाजन का। इस प्रकार के बयानों के खिलाफ चुनाव आयोग और न्यायपालिका को कठोर कदम उठाने चाहिए। हमें सांप्रदायिकता से ऊपर उठकर एक ऐसे समाज की कल्पना करनी चाहिए, जहां धर्म और राजनीति अलग-अलग हों और सभी नागरिक समानता और भाईचारे के साथ जीवन यापन करें। भले ही यह बयान आज चर्चा में है, लेकिन इसका प्रभाव राजनीति और समाज पर लंबे समय तक बना रह सकता है। इस स्थिति में, प्रश्न यह है कि क्या हम एक जिम्मेदार समाज और राजनीति के लिए तैयार हैं?

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