Bihar News: हत्या, अपहरण सहित कई गंभीर आपराधिक आरोपों में घिरे और फिलहाल जमानत पर चल रहे सीवान के 'कुख्यात' खान ब्रदर्स के लोजपा (रामविलास) में शामिल होते ही एनडीए में घमासान मच गया है. चिराग पासवान के इस फैसले के खिलाफ भाजपा के ही पूर्व सांसद ने कड़ी आपत्ति जताई है. अयूब खान (बड़ा भाई) और रईस खान (छोटा भाई) ने एक दिन पहले ही चिराग की पार्टी का हाथ थामा था.
अब इसे लेकर पूर्व सांसद और सिवान बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश यादव ने आपत्ति जताई है. उन्होंने खान ब्रदर्स जैसे लोगों को राजनीतिक दलों द्वारा अपनी पार्टियों को स्थान देने को राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा देने वाला बताया है. खान ब्रदर्स के लोजपा में आने पर उन्होंने चिराग पासवान के फैसले पर हैरानी जताते हुए इसे अफसोसजनक करार दिया है.
ओम प्रकाश यादव ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. उसमें उन्होंने चिराग की तस्वीर के साथ लिखा है -' वर्त्तमान परिस्थितियों मे राजनीति जनसेवा की जगह वोटबैंक और तृष्टकीरण की राजनीति का रूप धारण कर चुकी है। सिंद्धात और नीति व नीयत बस कागज तक ही सीमित रह गया है। बाहुबहुलियो और अपराधियों को सभी दल सिंद्धात और नीति की आहूत देकर पार्टी मे सुस्वागतम के लिए खुद सदस्य और टिकट देकर उनको राजनीतिक शक्ति प्रदान कर, आम जनमानस के बीच भय का महौल बना रहे है। लोकतंत्र मे वोटर के आजादी का हक और उनके वोट का बलि लेने का खुद ही बाहुबलियो और अपराधियों के हाथो को मजबूत कर रहे है।
सीवान मे वैसे भी अब राजनीति बाहुबली या अपराधी या धनासेठ या राजनीती को व्यपार की तरह इस्तेमाल करने वाली की रह गई है। इसमे हमारा एनडीए गठबंधन भी पीछे नहीं है। इन सब में आम नागरिक और कार्यकर्त्ता का हत्या होती है, उनको उन नेताओं और प्रत्याशीयो से समझौता करना पडता है, जिनके खिलाफ सदैव न्याय और अमन, शांति के लिए लडाई लडते थे।'
रईस खान लड़ सकते हैं विधानसभा सीट से चुनाव
आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के परिवार से दुश्मनी रखने वाले सीवान के खान ब्रदर्स चिराग पासवान के साथ जुड़े हैं. खान ब्रदर्स ने लोजपा (आर) का दामन थाम लिया है. बुधवार को सीवान के हुसैनगंज के सहूली में एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया. खान ब्रदर्स अपनी बाहुबल के लिए भी कुख्यात हैं. चर्चा है कि रईस खान सीवान के रघुनाथपुर या दरौंदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
खान ब्रदर्स और शहाबुद्दीन परिवार की दुश्मनी
खान ब्रदर्स की शहाबुद्दीन परिवार से पुरानी दुश्मनी रही है. यह दुश्मनी 2005 में शुरू हुई थी जब खान ब्रदर्स के पिता कमरूल हक खान का अपहरण किया गया था, जिसका आरोप शहाबुद्दीन पर लगा था. इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया. हाल ही में, रईस खान पर AK-47 से हमले का आरोप भी लगाया गया था, जिसमें उन्होंने मरहूम शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को आरोपी ठहराया था.
चिराग को खान ब्रदर्स से बड़ा भरोसा
चिराग पासवान ने कहा कि 'रईस खान के पार्टी में शामिल होने से संगठन को मजबूती मिलेगी और आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को भी लाभ होगा. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के सहयोग से लोजपा (आर) चुनाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगी.