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Brij Bihari Murder Case: गाड़ियों के काफिले और भारी भीड़ के साथ मुजफ्फरपुर से निकले बाहुबली मुन्ना शुक्ला, पटना में करेंगे आत्मसमर्पण

Munna Shukla left Muzaffarpur

Brij Bihari Murder Case:  बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के आरोप में विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। मुन्ना शुक्ला आज यानी 16 अक्टूबर को पटना जिला कोर्ट में सरेंडर करेंगे। वहीं पटना कोर्ट में सरेंडर करने के लिए मुन्ना शुक्ला अपने आवास मुजफ्फरपुर से पटना के लिए रवाना हो गए हैं। कई गाड़ियों के काफिले के साथ मुन्ना शुल्का मुजफ्फरपुर से पटना के लिए रवाना हो गए हैं। 

मुजफ्फरपुर से निकले मुन्ना शुक्ला

इस दौरान मुन्ना शुक्ला के परिजनों के साथ साथ उनके कार्यकर्ताओं की आंखे नम हो गई। माना जा रहा है कि आज ही पूर्वी चंपारण का मंटू तिवारी भी कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। बता दें बृजबिहारी प्रसाद की हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला समेत छह आरोपितों को निजली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई  थी। हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था।

पटना कोर्ट में करेंगे आत्मसमर्पण

इसके खिलाफ बृहबिहारी प्रसाद की पत्नी रामा देवी और सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। इस मामले में सूरजभान सिंह, राजन तिवारी और एक अन्य आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था। 


मुन्ना शुक्ला का आपराधिक इतिहास

बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से सजा पाने वाले 55 वर्षीय मुन्ना शुक्ला का आपराधिक इतिहास रहा है। उनके भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की अपराध की दुनिया में कभी तूती बोलती थी। गैंगवार में छोटन की हत्या कर दी गई थी, जबकि भुटकुन पर गोपालगंज डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप लगा था। मुन्ना शुक्ला वैशाली जिले के लालगंज विधानसभा से विधायक रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने राजद के टिकट पर वैशाली से वीणा देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कैसे हुई

13 जून 1998 को राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह आईजीआईएमएस परिसर में टहल रहे थे। घटना के समय उनके अंगरक्षक भी वहां मौजूद थे, इसके बावजूद उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया। मृतक बृज बिहारी प्रसाद पर देवेंद्र दुबे की हत्या का आरोप था। एडमिशन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद बृजबिहारी को सीने में दर्द की शिकायत पर आईजीआईएमएस में भर्ती कराया था।

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