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Bihar News : नीतीश की नई मुसीबत बनेगी नारी शक्ति ! तेजस्वी का जदयू-बीजेपी को घेरने सियासी प्लान, NDA के लिए राजद ने तैयार किया चक्रव्यूह

बिहार में पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों द्वारा ज्यादा मतदान किया जाता है. तेजस्वी यादव इसे भलीभांति जानते हैं. सीएम नीतीश के खिलाफ अब उन्होंने माई-बहन मान योजना के रूप में एक बड़ा चक्रव्यूह रचा है. यह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीएम नीतीश की मुश

women voters in Bihar
women voters in Bihar- फोटो : Social Media

Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव में करीब एक वर्ष का समय शेष है लेकिन राज्य की सियासी दल अभी से ही मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जुगत भिड़ाने लगे हैं. वर्ष 2005 से बिहार की सत्ता में काबिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सफलता के पीछे एक बड़ा कारण राज्य की महिला मतदाताओं का जदयू को मिलता रहा समर्थन माना जाता है. ऐसे में अब विपक्ष की कोशिश है कि इसी नारी शक्ति को नीतीश के खिलाफ खड़ा किया जाए. 


बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस दिशा में बड़ी घोषणा भी कर दी है. राजद की फिर से बिहार की सत्ता में वापसी हो इसके लिए महिला वोट बैंक को लेकर तेजस्वी ने बड़ी घोषणा कर दी है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने माई-बहन मान योजना का ऐलान किया है. इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सरकार की ओर से 2500 रुपए मासिक दिए जाएंगे.


राजद ने अपनाया सफल फार्मूला

तेजस्वी की इस घोषणा पर भले ही एनडीए के नेता मौजूदा समय में तंज कस रहे हों लेकिन देश के कई राज्यों में इस प्रकार की योजनाओं ने राजनीतिक दलों के लिए सत्ता के द्वार खोले हैं. अब वही फार्मूला नीतीश कुमार के खिलाफ तेजस्वी अपनाने जा रहे हैं. हाल ही में झारखंड में हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति की जीत में महिलाओं की प्रभावी भूमिका मानी गई. दोनों राज्यों में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए माई-बहन मान योजना की भांति योजनाओं को महिलाओं को खूब सराहा. इसी तरह मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों में भी यह एक सफल फार्मूला रहा. 


जातीय समीकरण संग आधी आबादी

राजद को इस बात का एहसास हो गया है कि जातीय समीकरण साधने के साथ ही आधी आबादी को भी साधना जरूरी है और तभी बिहार के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की जा सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा पर जा रहे हैं. ऐसे में उनकी यात्रा के पहले ही तेजस्वी ने 2500 रुपए मासिक वाली माई-बहन मान योजना की घोषणा कर सीएम नीतीश के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है कि क्या वे भी ऐसी ही कोई योजना बिहार के महिलाओं के लिए लायेंगे. 


नीतीश का मजबूत आधार रहीं महिलाएं

सीएम नीतीश महिला संवाद यात्रा पर जाएंगे तो इसके पहले तेजस्वी माई-बहन मान योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी राजद सक्रिय है. ऐसे में सम्भव है कि नीतीश कुमार को अपनी यात्रा के दौरान महिलाओं के सवालों से जूझना पड़े. नीतीश कुमार शुरू से कहते रहे हैं कि लड़कियों के लिए साइकिल योजना, चुनावों में महिलाओं को आरक्षण, नौकरी में महिला रिजर्वेशन, जीविका दीदी योजना उनके द्वारा शुरू की गई जिसका लाभ करोड़ों महिलाओं को हुआ. शराबबंदी को भी महिलाओं की मांग पर ही नीतीश ने किया था. माना गया कि इसका बड़ा फायदा नीतीश कुमार को चुनावों में हुआ. 


महिला वोटरों की तादात ज्यादा

महिलाओं पर अपनी मजबूत पकड़ बनाकर रखने वाले नीतीश कुमार के खिलाफ अब तेजस्वी ने उसी महिला शक्ति को एक चक्रव्यूह की भांति पेश करने की तैयारी की है. 2500 रुपए मासिक वाली माई-बहन मान योजना इसमें बेहद खास हो सकती है.आंकड़े बताते हैं कि बिहार में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं द्वारा ज्यादा वोट डाला जाता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कुल मतदान का प्रतिशत 56.28 रहा था. इनमें 53 प्रतिशत पुरुष और 59.45 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले थे. यानी पुरुषों के मुकाबले 6.45 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था .


इसी तरह वर्ष 2019 लोकसभा के दौरान बिहार में मतदान का प्रतिशत 57.33 प्रतिशत था. इनमें पुरुष वोटरों के मतदान का प्रतिशत 54.90 था, जबकि महिला वोटरों का यह प्रतिशत 59.58 प्रतिशत था. तेजस्वी भी इन आंकड़ों को ही आधार बनाकर अब नीतीश कुमार के खिलाफ नारी शक्ति को खड़ा करना चाहते हैं. इसमें माई-बहन मान योजना पहला तीर है जो जदयू पर चलाया गया है. 

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