Bihar Road Construction: राजधानी पटना के बेली रोड (नेहरू पथ) से मुजफ्फरपुर के बीच 50 किलोमीटर लंबे सड़क हिस्से का इसी माह सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे का उद्देश्य यातायात की समस्याओं का समाधान करना है, जिसमें सड़क की चौड़ाई, डिजाइन, डिवाइडर, कट, और गति नियंत्रण जैसे मुद्दों का विश्लेषण कर सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे।
सर्वेक्षण का महत्व
एडीजी यातायात सुधांशु कुमार के अनुसार, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित और सुगम यातायात सुनिश्चित करना है। इस सर्वे के आधार पर सड़क को एक मॉडल सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे राज्य की अन्य सड़कों में भी सुधार किया जा सके।
प्रशिक्षण और विशेषज्ञता
यातायात सुधार के लिए रोड इंजीनियरिंग, पुलिस, और परिवहन विभाग के 30 से अधिक अधिकारियों को तीन दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस टीम द्वारा नेहरू पथ, करबिगहिया, गौरेयाटोली, जीपीओ गोलंबर, अटल पथ, और गंगा पथ सहित शहर के कई हिस्सों का सर्वे किया जा रहा है।
पहले किए गए सर्वेक्षण और उनके परिणाम
पिछले साल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आइआरटीई), फरीदाबाद के विशेषज्ञों की मदद से पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ शहरों का सर्वे किया गया था। इन सर्वेक्षणों के आधार पर कई एक्शन प्वाइंट बनाए गए हैं, जिन पर कार्रवाई जारी है।
ट्रैफिक जाम मुक्त पटना
पटना में 30 चोक प्वाइंट (अत्यधिक जाम वाले क्षेत्र) का भी सर्वे कराया गया है। खासतौर पर पटना जंक्शन के पास यातायात को सुगम बनाने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण हुआ है। इसके आधार पर पटना जंक्शन गोलंबर को छोटा करने और एक नया यू-टर्न बनाने का प्रस्ताव दिया गया है ताकि वाहन गोलंबर से पहले ही मुड़ सकें।
यातायात सुधार के लिए प्रगति
पथ निर्माण विभाग को ट्रैफिक सुधार के लिए कई प्रस्ताव दिए गए हैं। स्टेशन के आसपास अंडरग्राउंड सब-वे और मेट्रो के निर्माण कार्य भी जारी हैं, जो यातायात समस्याओं को काफी हद तक कम करेंगे।
पटना-मुजफ्फरपुर सड़क सुधार परियोजना
पटना-मुजफ्फरपुर सड़क सुधार परियोजना राज्य में यातायात को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सर्वेक्षण और सुधारात्मक उपायों से न केवल यातायात समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि अन्य सड़कों के लिए भी एक मॉडल तैयार होगा।