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Bihar Politics: होटल मौर्य, 3 बड़े यादव नेता, रूम नंबर 330 और 301, सत्ता पलटने का खेल हुआ फेल, कभी 94-95 नंबर कमरे में हुई सियासत ने बिहार को दिया था CM...

Bihar Politics: कुछ दिन पहले पटना के मौर्या होटल में बड़े सियासी खेल को अंजाम देने की कोशिश तीन बड़े यादवों के द्वारा की गई, इस खेल में किसने बाजी मारी और कौन खाली हाथ रह गया आइए जानते हैं....

बिहार राजनीति
Political Game in Hotel Maurya - फोटो : News4Nation

Bihar Politics:  पूरे देश के सियासी मानचित्र पर बिहार एक ऐसा प्रदेश रहा है जहां राजनीतिक चेतना नेताओं से लेकर आम जनता के बीच हमेशा शिखर पर देखने को मिलता है। 1990 के बाद से गठबंधन की सियासत से सत्ता हासिल करने की कवायद जारी है। लेकिन सत्ता के शिखर पर बैठने से पहले यहां कमरों में होने वाली बैठकों का खेल बहुत पुराना है। बहुत दिनों बाद पटना के एक बड़े होटल में कमरा बुक कर सियासी खेल करने की कोशिश हुई हालांकि वह नाकाम हो गया। बिहार की सियासत में एक नया रंग और नया समीकरण गढ़ने की कवायद में लगातार प्रयासरत पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने में एक बार फिर से असफल रहे। दरअसल, पप्पू यादव लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की टिकट की चाहत में दिल्ली से पटना तक अपनी जुगत भिड़ाते रहे और अंततः कांग्रेस में भी शामिल हुए लेकिन सारी कवायदे धरी की धरी रह गई और निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा और जीतने के बाद भी कांग्रेस पार्टी के प्रति अपना मोह त्याग नहीं पाए है। लेकिन पप्पू यादव अपनी इस चाहत को अंजाम तक पहुचाने की कोशिशें लगातार जारी रखे हुए है। 

इसी के तहत शनिवार को पटना दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी को अपनी सियासी पकड़ और समर्थन से अवगत कराने का हरसंभव प्रयास किया। शुक्रवार को पप्पू यादव ने मीडिया को जानकारी दी कि उनके समर्थक राहुल गांधी के पटना पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत करेंगे। उन्होंने एयरपोर्ट, इनकम टैक्स गोलंबर और सदाकत आश्रम तक अपने समर्थकों की न केवल उपस्थिति सुनिश्चित कराई बल्कि राहुल-पप्पू जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। इतन ही नहीं पप्पू यादव ने बेली रोड पर एक तरफ राहुल गांधी और दूसरी तरफ अपना बड़ा कटआउट लगवाया था।

मौर्य होटल,तीसरा फ्लोर,आमने-सामने सुइट 

इन तमाम कोशिशों के अलावे भी तय कार्यक्रम के अनुसार शनिवार सुबह पार्टी की ओर से आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राहुल गांधी के पटना एयरपोर्ट से सीधे मौर्या होटल पहुंचने और थोड़ी देर आराम करने की जानकारी मिलने के बाद उसका राजनीतिक लाभ उठाने की कवायद में बिहार के तीन यादव नेता जुटे हुए थे। चुकी राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले से तय थी तो सूत्र बताते हैं कि एक रूम पहले से ही बड़े यादव नेता के बुक किया था। सूत्र बताते हैं कि होटल के तीसरे फ्लोर पर पहले से हीं राहुल गांधी के रिफ्रेशमेंट के लिए 301 रूम नंबर बुक था। लेकिन उसी फ्लोर पर पूर्णिया सांसद के लिए भी 330 बुक था। बताया जाता है कि पूर्णिया के सांसद महोदय राहुल गांधी के सुबह पहुंचने वाली रात में वहीं रुके थे। चुकी पप्पू यादव का कांग्रेस प्रेम पिछले चुनाव से कुछ ज्यादा उमड़ रहा है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर इर्द गिर्द रूम में लेने और ठहरने का मकसद संयोग था या फिर प्रयोग। हालांकि सूत्रों की माने तो राहुल गांधी के आने से ठीक पहले पप्पू यादव वहां से निकला चुके थे। उनके समर्थक बहुत ही जोर शोर से पोस्टरबाजी कर पटना की धरती पर राहुल गांधी का इस्तकबाल करने में जुटे इसका फायदा कितना होगा यह तो वक्त बताएगा।

इस बाबत राजनीतिक विश्लेषक धीरेन्द्र कुमार कहते हैं पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव की हालत ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ जैसी हो गई। पप्पू यादव की राहुल गांधी तक पहुंचने आने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन सब बेकार गया। उल्लेखनीय है की पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पप्पू यादव जब पहली बार दिल्ली पहुंचे तब उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी।

पटना में तेजस्वी से नाराजगी हुई दूर

सर्वविदित है कि शनिवार सुबह पार्टी की ओर से आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राहुल गांधी पटना एयरपोर्ट से सीधे मौर्या होटल पहुंचे थे। वहां तेजस्वी यादव से मुलाकात हुई। गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव से पहले तेजस्वी यादव के इस बयान से की इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव तक के लिए ही था तल्खी बढ़ गई थी। लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसा जुगाड़ फिट किया दोनों ने न सिर्फ एक दूसरे से मुलाकात की बल्कि आपसी नाराजगी भी दूर हो गई। 

लालू राबड़ी के आवास भी पहुंचे राहुल गांधी

बता दें कि मौर्य होटल में मुलाकात के दौरान तेजस्वी ने राहुल गांधी को आवास पर आने का निमंत्रण दिया था। इस आग्रह को स्वीकार कर राहुल गांधी राबड़ी आवास पहुंचे। लालू परिवार का पूरा कुनबा आवभगत में जुटा रहा। जाहिर सी बात है कि धुरंधर राजनीतीज्ञ लालू यादव को पता है आने वाले चुनाव में कांग्रेस की भूमिका क्या होगी।

पप्पू और प्रदेश कांग्रेस की सत्ता

पप्पू यादव का कांग्रेस प्रेम किसी छिपा नहीं। वह खुलेआम इसका इजहार बहुत पहले से करते रहे हैं । गौरतलब है कि उनकी पत्नी रंजित रंजन कांग्रेस से हीं राज्यसभा की सांसद भी हैं। लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव सीधे दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए। प्रियंका गांधी से मुलाकात भी की। लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई। पूर्णिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से टिकट मिलते मिलते रह गया। हालांकि निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने में कामयाब हो गए। कांग्रेस के समर्थन देने की हमेशा आतुर रहने वाले पप्पू यादव के समर्थकों की तरफ से यह शिगूफा सियासी मार्केट में छोड़ा जाता है कि पप्पू यादव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। इतना हीं नहीं मीडिया से बातचीत करते हुए पप्पू यादव इस बात को दावे के साथ कहते हैं कि कांग्रेस में मेरा किसी पद पर आना राहुल गांधी और प्रियंका के निर्णय पर निर्भर करता है। यह उन्हें निर्णय लेना है। पप्पू यादव अपनी दिली इच्छा कई बार कांग्रेस के आलाकमान तक पहुंचा चुके हैं लेकिन पता नहीं राहुल से मुलाकात का संयोग क्यों नहीं बन रहा। सवाल यह है कि पटना में भी राहुल गांधी से मिलने के का संयोग नहीं हो पाया या फिर पप्पू का प्रयोग एक बार फिर फेल हो गया।

कमरा नंबर 94-95 में हुई राजनीति से बदल गए सत्ता के किरदार

साल 1990 के विधासभा चुनाव में कांग्रेस के पैर तले जमीन सरक गई थी। बिहार में 1990 के विधानसभा चुनाव में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला। जनता दल को 324 में से 121 सीट मिली और कांग्रेस 71 पर सिमट कर रह गई । भाजपा को 39 और भाजपा भाजपा के पास 29 सीटें थी। जनता दल में लालू प्रसाद विधायक दल के नेता के प्रत्याशी थे तो वीपी सिंह के प्रत्याशी थे बुजुर्ग रामसुंदर दास और चंद्रशेखर के प्रत्याशी रघुनाथ झा। शरद यादव लालू प्रसाद के पक्ष में थे लालू प्रसाद यादव के समर्थन में युवा विधायकों की टोली थी जिसमें नीतीश कुमार और जगदानंद सरीखे नेता थे। ये लोग लालू को बिहार के सीएम बनने के लिए मेहनत कर रहे थे। लेकिन असली खेल हुआ विधायक आवास नंबर यानी कमरा नंबर 94-95 में  नीतीश कुमार और जगदानंद अगल-बगल रहते थे। लालू प्रसाद अपने साथियों के साथ रतजगा करते थे। इसी 94 और 95 नंबर कमरे में खेल हुआ और फिर जनता दल विधायक दल के नेता के चुनाव में लालू प्रसाद को 58 रामसुंदर दास को 54 रघुनाथ झा को 14 मत मिले । लालू प्रसाद यादव को मिले मतों के आधार पर विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बाद वहीं बिहार के सीएम बने। 

कौशलेंद्र प्रियदर्शी की खास रिपोर्ट 

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