Waqf Amendment Bill: पटना में आयोजित वक्फ बोर्ड की बैठक में काफी हंगामा हुआ। यह बैठक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी चिंताओं और आपत्तियों को व्यक्त किया। बैठक के दौरान, सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने एक अन्य सदस्य पर एफआईआर कराने की मांग की, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
हंगामे का कारण
बैठक में उपस्थित कई संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक को खारिज करने की मांग की। उनका तर्क था कि यह विधेयक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। इस बीच, जगदंबिका पाल, जो जेपीसी के अध्यक्ष हैं, ने सभी पक्षों को शांत करने का प्रयास किया और अंततः सफल रहे।
सामाजिक न्याय मोर्चा का विरोध
राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र चौहान समेत अन्य सदस्यों ने सांसद से कहा कि वे धमकी देने से बचें। इस प्रकार की तीखी नोकझोंक के बीच, पाल ने सभी को सुनने और उनकी चिंताओं को ध्यान में रखने का आश्वासन दिया।
विधेयक पर विचार-विमर्श
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 को हटाने और वक्फ समिति में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, कुछ सदस्यों ने वक्फ बोर्ड द्वारा जमीनों के अवैध रूप से बेचे जाने पर चिंता जताई।
भाजपा का दृष्टिकोण
भाजपा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने वक्फ कानून के दुरुपयोग का मामला उठाया और कहा कि वक्फ बोर्ड ने कई जमीनों को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से तत्काल हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया।
भविष्य की योजनाएं
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि समिति अपनी रिपोर्ट आगामी बजट सत्र में संसद के समक्ष पेश करेगी। उन्होंने कहा कि बैठक अच्छी रही और सभी पक्षकारों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।