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Bihar Politics: NDA की मीटिंग में जेडीयू MLC का भारी विरोध, भाषण के दौरान कार्यकर्ताओं का हंगामा, बड़े नेता ने मामला संभाला, क्यों हुआ ऐसा...

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए एक्शन में है। एनडीए की ओर से सभी जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सिवान में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अचानक हंगामा शुरु हो गया, आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है....

एनडीए
NDA Workers conference- फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में सभी पार्टी की ओर से तैयारियों शुरु कर दी गई है। विधानसभा को लेकर एनडीए की ओर से सूबे के हर जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। बीते दिन सिवान में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन हुआ लेकिन इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जदयू एमएलसी का भारी विरोध किया। कार्यकर्ता एमएलसी के भाषण के बीच ही हंगामा करने लगे जिसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को मोर्चा संभालना पड़ा। आइए जानते हैं आखिरी पूरा माजरा क्या था।   

कार्यकर्ता सम्मेलन में हो गया बवाल

दरअसल, सिवान में मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें बिहार एनडीए के सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष एक मंच पर उपस्थित हुए। इस आयोजन को लेकर जिले के एनडीए कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। सम्मेलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, और हम के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने बारी-बारी से सभा को संबोधित किया।

'राजग' और 'राजद' को लेकर हुई गलतफहमी

इसी दौरान सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव के संबोधन के क्रम में भ्रम की स्थिति बन गई। उन्होंने बार-बार 'राजग' (एनडीए) शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे कार्यकर्ताओं ने 'राजद' समझ लिया और हंगामा करने लगे। स्थिति को संभालने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में राजद के प्रति इतनी नाराजगी है कि वे उसका नाम तक सुनना नहीं चाहते। साथ ही उन्होंने विधान पार्षद को हिंदी के शब्दों के प्रयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी। दरअसल, वीरेंद्र नारायण यादव के पिछले दो चुनाव राजद-जदयू गठबंधन के समय हुए थे, जिससे आम जनता में अब भी उनकी छवि राजद से जुड़ी हुई है।

एनडीए का नारा- '2025 फिर से नीतीश'

कार्यकर्ता सम्मेलन में सिवान जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों से संभावित एनडीए उम्मीदवारों ने शक्ति प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में समर्थकों को जुटाया। हालांकि, भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सबसे अधिक दिखी। सम्मेलन में सभी वक्ताओं ने '2025 फिर से नीतीश' के नारे को प्रमुखता से दोहराया। गोरेयाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह ने इस नारे को कई बार बुलवाया।

सिवान की सीटों पर महागठबंधन का प्रभाव

2020 के विधानसभा चुनाव में सिवान जिले की आठ सीटों में से केवल दो पर एनडीए को जीत मिली थी। गोरेयाकोठी से देवेशकांत सिंह और दारौंदा से करनजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह विजयी हुए थे। बाकी छह सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं। इस बार सभी सीटों पर एनडीए के घटक दलों की नजर है, लेकिन यह तय नहीं है कि कौन-सी सीट किस दल के हिस्से में जाएगी। इस वजह से सभी पार्टियां अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी हैं।

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