Bihar Vidhansabha : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को सफल बताते हों लेकिन अवैध शराब की तस्करी और बिक्री का सिलसिला लगातार जारी है. यहाँ तक कि जहरीली शराब से मौत के मामले भी सामने आते हैं. बिहार विधानसभा में मंगलवार को जहरीली शराब के मुद्दे पर नीतीश सरकार अपने ही जवाब से सदन में फंस गई. विपक्षी सदस्यों ने बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया जिस पर सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य में अप्रैल 2016 से अब जहरीली शराब से 156 मौतें हुई हैं. साथ ही शराब तस्करों पर होने वाली कार्रवाई का जिक्र किया.
हलांकि अपने इस जबाव से वे सदन में घिर गये. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने श्रवण कुमार के जवाब को गलत करार देते हुए कहा कि 156 मौतों का आंकड़ा सिर्फ तीन जिलों का है. उन्होंने सरकार की ओर से गलत जवाब देने पर जोरदार तरीके से नीतीश सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की समीक्षा करते हैं तो दूसरी ओर थानों से ही शराब की बिक्री होती है. बिहार में हार कोई जानता है कि कैसे राज्य में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है. तेजस्वी ने जोरदार तरीके से नीतीश सरकार को घेरते हुए उनकी शराबबंदी को बिहार की सबसे असफल योजना करार दिया.
वहीं तेजस्वी की आपत्ति पर श्रवण कुमार ने कहा कि अगर उनका उत्तर कुछ गलत है तो वे उसमें सुधार करा लेंगे. हालाँकि तेजस्वी ने इस पर जोरदार आपत्ति जताई कि सरकार कैसे सदन में भ्रामक जवाब दे सकती है. हालाँकि श्रवण कुमार ने जोरदार तरीके से सरकार के पक्ष को रखते हुए कहा कि बिहार में वर्ष 1998 से 2005 तक जहरीली शराब से 105 मौतें हुई थी. वहीं मौजूदा शराबबंदी के दौर इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो रही है.