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POLITICAL NEWS - गठबंधन के ढांचे में रहकर पूरा नहीं हो सकता ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट', LJPR से अलग होते ही प्रदेश उपाध्यक्ष ने चिराग पासवान पर किया हमला

POLITICAL NEWS - चिराग पासवान से अलग होने के बाद राकेश रोशन ने कहा कि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का सपना तभी पूरा होगा, जब गठबंधन की राजनीति नहीं हो। 2020 में हमारी पार्टी को इसलिए सफलता मिली थी क्योंकि उस समय गठबंधन का दबाव नहीं था।

POLITICAL NEWS - गठबंधन के ढांचे में रहकर पूरा नहीं  हो सकता ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट', LJPR से अलग होते ही प्रदेश उपाध्यक्ष ने चिराग पासवान पर किया हमला
लोजपारा से अलग हुए युवा नेता।- फोटो : रजनीश

PATNA - : LJP-Ramvilas से इस्तीफ़ा देने की घोषणा के बाद पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रौशन ने आज मौर्या होटल में  प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में राकेश रौशन ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से आगामी चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े होने का निर्णय लेते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। अपने साथ 28,000 स्नातकों का समर्थन जुटाकर उन्होंने इस चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया है और अब हैरान कर देने वाले नतीजे की भी उम्मीद जनता ने बांध ली है।

गठबंधन में नही हो रहा था प्रभावी काम

राकेश रौशन ने बताया, “पिछले कुछ समय से मैं महसूस कर रहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर समर्पित और सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। गठबंधन की राजनीति के चलते इन महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावी काम करना संभव नहीं हो पा रहा था। 

चिराग के सपने को पूरा करने गठबंधन सबसे बड़ी बाधा

LJP-Ramvilas के अन्य नेताओं के जैसे मेरा सपना भी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का है, लेकिन मैं मानता हूँ कि इस उद्देश्य को गठबंधन के ढांचे में रहकर पूरा नहीं किया जा सकता। इसी कारण, वर्ष 2020 में हमारी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़कर अपना वर्चस्व स्थापित किया था।”

गठबंधन ने कई नेताओं की बलि ली है...

उन्होंने गठबंधन की राजनीति के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस राह में कई कार्यकर्ताओं और नेताओं का नुकसान हुआ है। उदाहरण के तौर पर, रूपौली विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रमुख नेता शंकर सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ने पर मजबूर होना पड़ा और उनकी जीत के बाद उन्हें जेडीयू में शामिल होना पड़ा।गठबंधन ने कई बलि ली है और अभी कई बलि आने वाले चुनाव में ली जाएगी।मैं वीर का बेटा हूँ लड़ते लड़ते मरना पसंद करूँगा ना की बलि चढ़ने का।

रौशन ने कहा कि उनका उद्देश्य युवाओं, छात्रों और शिक्षित वर्ग की आवाज़ को एक मज़बूत राजनीतिक मंच प्रदान करना है। “मैं चाहता हूँ कि समाज के हर वर्ग का सहयोग मिले ताकि हम प्रगति की दिशा में एक सशक्त सामूहिक कदम उठा सकें।

रिपोर्ट-  रजनीश


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