BPSC Protest: बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थी के द्वारा 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। इस प्रदर्शन में जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की भी एंट्री हुई। प्रशांत किशोर ने पहले गर्दनीबाग में छात्रों से मुलाकात की। इसके बाद गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया। छात्र संसद के बाद 2 जनवरी से पीके ने गांधी मैदान में अनशन की शुरुआत की। बीते दिन यानी 16 जनवरी को पीके ने अपना अनशन करीब 15 दिनों के बाद खत्म किया। जिसको लेकर अब सियासत शुरु हो गई है।
पीके का फेक अनशन
पीके ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दे को लेकर राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। प्रशांत किशोर ने बीते दिन गंगा स्नान करके अपना अनशन समाप्त कर लिया है और गंगा किनारे टेंट लगाकर सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्होंने 1,00,000 छात्रों को बुलाने का आह्वान भी किया है। इसको लेकर राजद ने पीके पर बड़ा हमला बोला है। राजद ने कहा है कि पीके ने अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को हाईजैक कर लिया है।
पैसा लेकर छात्रों के आंदोलन को किया खत्म
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर सुबोध मेहता ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने अलग-अलग पार्टियों से पैसा लेकर छात्रों के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की। उनका कहना है कि प्रशांत किशोर किसी व्यक्ति की तरह नहीं, बल्कि एक "पपेट" की तरह काम कर रहे हैं।
गंगा के नाम पर कर रहे राजनीति
उन्होंने यह भी कहा कि वैनिटी वैन में कभी भी प्रोटेस्ट नहीं होते। सुबोध मेहता ने इसे "फेक अनशन" करार देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने इस आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने यह तुलना की कि जैसे नरेंद्र मोदी ने गंगा मैया के नाम पर राजनीति की थी, वैसे ही प्रशांत किशोर भी गंगा के नाम पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रो. मेहता ने आगे कहा कि बिहार की जनता सब जानती है और प्रशांत किशोर की राजनीति बिहार में सफल नहीं होगी।
पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट