Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल की हालिया राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक 10 महीने पहले हो रही है, जिससे इसकी राजनीतिक महत्व और बढ़ जाती है। सभी सांसदों और विधायकों को इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन जगदानंद सिंह के न आने से यह संकेत मिलता है कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव की संभावना है। राजद के संस्थापक सदस्यों में से एक जगदानंद सिंह पिछले छह वर्षों से राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के समवयस्क हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और अन्य कारणों से उन्होंने कई बार अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन लालू यादव ने उन्हें ऐसा करने से रोका है। कई बार उनके बीच मनमुटाव और फिर सुलह का सिलसिला चलता रहा है। इस बार भी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उन्हें मनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। संभवतः इसी कारणवश वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उपस्थित नहीं हुए।
नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश
सूत्रों के अनुसार, राजदद अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रही है। जगदानंद सिंह के स्वास्थ्य कारणों से बैठक में न आने के बाद उनकी पद छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के भीतर चर्चा चल रही है कि क्या लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रहे हैं। यह भी संभव है कि संगठन में कोई बड़ा फेरबदल किया जाए। राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन सांगठनिक चुनाव के माध्यम से किया जाएगा, जो जगदानंद सिंह की जगह लेंगे। राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बने नामों में हाल ही में जदयू से राजद में शामिल हुए मंगनी लाल मंडल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अलावा, पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के नामों पर भी अटकलें जारी हैं।
राजद की रणनीति और संभावित चेहरे
बैठक में तेजस्वी यादव को 2025 बिहार चुनाव के लिए आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है। इसके साथ ही, उन्हें पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समान अधिकार भी दिए गए हैं। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुछ संभावित नामों पर चर्चा हो रही है। इनमें युवा नेताओं का नाम शामिल हो सकता है जो पार्टी को नई दिशा देने में सक्षम हों।
आगे की योजना
राजद ने यह तय किया है कि वह अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसमें नए सदस्यों को जोड़ना और बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय करना शामिल होगा। इसके अलावा, आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाना भी प्राथमिकता होगी।बहरहाल राजद जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है, जिससे पार्टी का भविष्य तय होगा। जगदानंद की जगह किसी और नेता को राजद के प्रदेश अध्यक्ष की कमान थमाई जाएगी।