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Trouble in NDA : बिहार-यूपी की ताकत बढ़ने से परेशान हुए चंद्रबाबू नायडू ! टीडीपी ने खोल दिया मोर्चा, यह बर्दाश्त नहीं

बिहार सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में अगले परिसीमन के बाद लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ जाएगी. इससे दक्षिण भारत के राज्यों की परेशानी बढ़ जाएगी. अब इसे लेकर एनडीए के घटक दलों में भी दो राय देखने को मिली है. टीडीपी ने इसे लेकर चिंता जताई है.

Delimitation
Delimitation - फोटो : Social Media

Trouble in NDA : भाजपा के लिए चंद्रबाबू नायडू नई किस्म की मुसीबत खड़ी करते दिख रहे हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने जनसंख्या के आधार पर किए जा रहे अगले परिसीमन के विरोध में उतर आई है।  संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान टीडीपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए। 


टीडीपी सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायलु ने संविधान पर बहस के दौरान इस कदम पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से दक्षिण के राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।


इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा 240 सीटों पर ही अटक गई थी और उसे बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए नीतीश की अगुवाई वाले जदयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के समर्थन की दरकार है। नायडू की पार्टी टीडीपी के 16 सांसद चुनाव जीते हैं। ऐसे में मोदी सरकार के गठन में नायडू की बड़ी भूमिका है। ऐसे में टीडीपी की ओर से किए गए इस विरोध को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।


टीडीपी सांसद देवरायलु ने कहा कि अगले परिसीमन के दौरान उत्तर के राज्य राजनीतिक दृष्टि से काफी ताकतवर हो जाएंगे जबकि दक्षिण के राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया गया तो उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोकसभा की सीटें काफी बढ़ जाएंगी।


मौजूदा समय में इन चारों राज्यों में 169 सांसद हैं मगर परिसीमन के बाद इन राज्यों के सांसदों की संख्या 324 पर पहुंच जाएगी। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। मौजूदा समय में इन राज्यों में 129 लोकसभा सांसद हैं और परिसीमन के बाद उनकी संख्या बढ़कर 164 ही रहेगी। इस तरह उत्तर के राज्य दक्षिण के राज्यों से काफी ताकतवर हो जाएंगे।

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