Bihar Makhana Board: मखाना आज के युग में एक वैश्विक पहचान प्राप्त कर चुका है। अब यह नाम का मोहताज नहीं रहा है।बिहार विश्व के कुल मखाना उत्पादन का 80 प्रतिशत हिस्सा अकेले ही प्रदान करता है। बिहार के दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधेपुरा और खगड़िया जैसे जिले इस उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।बिहार के पूर्णिया जिले में मखाना बोर्ड के गठन की संभावना बढ़ गई है। यह जिला मखाना उत्पादन में अव्वल है, और इस क्षेत्र में मखाना अनुसंधान केंद्र भी स्थापित है। केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की, जिससे किसानों को सीधे बाजार का लाभ मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी।
पूर्णिया जिला बिहार के उन आठ जिलों में से एक है, जिन्हें मखाना बोर्ड के गठन से सीधा फायदा होगा। अन्य जिलों में दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार, अररिया और किशनगंज शामिल हैं। इन जिलों में मखाने की खेती होती है और इससे जुड़े किसान अब बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
पूर्णिया में भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज में एक मखाना अनुसंधान केंद्र पहले से ही कार्यरत है। इस केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में मखाना उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को नई तकनीकों से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ पर उन्नत किस्मों का विकास किया गया है जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।
मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे आधुनिक तरीकों से खेती कर सकें। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि उत्पादन और प्रसंस्करण क्षेत्रों में भी सुधार होगा।
बहरहाल पूर्णिया जिला बिहार के मखाना उद्योग का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है यदि यहाँ मखाना बोर्ड का गठन होता है। इससे स्थानीय किसानों को कई फायदे मिलेंगे और यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।मखाना के उत्पादन को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ाने और आधुनिक प्रोसेसिंग तकनीकों को अपनाने में सहायता मिलेगी। मखाना किसानों को उनके उत्पाद के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध होंगे और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।