Patna highcourt - बिहार में पुलों के ढहने की घटना पर हाईकोर्ट गंभीर, हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार से मांगा जवाब
Patna highcourt - बिहार में पुलों की ढहने की घटना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। कोर्ट ने नीतीश सरकार से इस संबंध में जबाव देने के लिए कहा है।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने राज्य में पुलों के ढहने के मामले में अधिवक्ता ब्रजेश सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर राज्य सरकार एंव अधिवक्ता से सुझाव की मांग की है।एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की।
कोर्ट को बताया गया कि हाल में बिहार में कम से कम 9 पुलों (निर्माणाधीन पुलों सहित) के ढहने की खबरों प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख अखबारों में छपी थी। उन्होंने कोर्ट से राज्य सरकार को एक संपूर्ण संरचनात्मक ऑडिट करने और किसी भी कमजोर पुल की पहचान करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग कोर्ट से की।
उनका कहना था कि बिहार में पुलों के ढहने की घटनाएं क्षेत्र में पुलों के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और विश्वसनीयता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं, खासकर यह देखते हुए कि बिहार भारत में सबसे अधिक बाढ़-ग्रस्त राज्य है। राज्य में एक के बाद एक पुल ढहने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।
इसमें बिहार राज्य में हाल ही में बने, निर्माणाधीन और पुराने सभी बड़े और छोटे पुलों के संरचनात्मक ऑडिट की मांग की गई। दो साल की अवधि के भीतर, तीन प्रमुख निर्माणाधीन पुल ढह गए। उसके बाद, क्रमिक रूप से, कई पुल नदियों के प्रकोप का शिकार हो गए।एक रिपोर्टों के अनुसारबाढ़ में अधिकांश पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे और उनकी मरम्मत नहीं की गई थी।
निर्माणाधीन पुलों के ढहने के संबंध में, आम शिकायत यह भी है कि निर्माण में अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पटना हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया,जो समय-समय पर शीघ्र और उचित सुनवाई कर पुलों के निर्माण, रखरखाव और स्थिरता के प्रश्न के संबंध में राज्य सरकार और एनएचएआई द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी कर सकें।
वही महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि पुलों के गिरने की घटनाओं के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और सभी संबंधितों पुलों की मरम्मत और स्वास्थ्य लेखा परीक्षा करने के निर्देश जारी किया गया हैं। राज्य में पुलों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए रेलवे और एनएचएआई का सहयोग की आवश्यक हैं।
कोर्ट ने राज्य भर के पुलों की मरम्मत और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को रेखांकित करने वाले हलफनामों का अध्ययन किया। कोर्ट ने कहा कि और बेहतर तरीके से पुलों की रखरखाव के लिए सभी को सुझाव देना चाहिए। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 25 जुलाई,2025 निर्धारित की है।