PURNIA - एक तरफ बिहार सरकार ने विधानसभा में ऐलान किया है कि पूर्णिया एयरपोर्ट को तीन महीने में शुरू कर यहां से विमानों की आवाजाही शुरु कर दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ जमीन अधिग्रहण में प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यहां तक पहुंच गई पुलिस को ग्रामीणों को हटाने के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा है। इस दौरान 10 ग्रामीण चोटिल हो गए, वहीं छह पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए हैं। फिलहाल, मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है।
घटना नगर थाना क्षेत्र के गोआसी की है, जहां पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान जब जमीन खाली कराने के लिए जब पुलिस पहुंची, तब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. पुलिस ने लोग को कहा कि अपने-अपने खेतों से वह मक्के की फसल को काट लें, नहीं तो सरकारी स्तर पर उनके मक्के को काट दिया जाएगा. इस फरमान का ग्रामीणों ने विरोध किया और पुलिस से भिड़ गए. जिस वजह से ऐसी नौबत आ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान महिलाओं सहित 10 ग्रामीण चोटिल हो गए। वहीं छह पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।
अब तक नहीं मिली मुआवजे की राशि
ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा अब तक उन्हें नहीं मिल सका है. जिसके चलते वे किसी भी कीमत पर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण की गई जमीन खाली करने को तैयार नहीं हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने न सिर्फ ग्रामीणों को खदेड़ कर पीटा, बल्कि मक्के की लाखों की फसल को काट दिया गया
हालात पर काबू पाने कई बड़े पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और भारी पुलिस बल बुलाया गया. जिसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ. एसडीओ पार्थ शर्मा ने बताया कि एयरपोर्ट मामले में जिस व्यक्ति की जमीन सरकार अधिग्रहण की है, उनके मुआवजे कोर्ट में रखे हुए हैं. वह कोर्ट में जाकर अपने मुआवजे ले सकते हैं. बाहर की कंपनी यहां पर काम करने के लिए आई है, उसे स्थानीय लोग सहयोग करें और काम में बाधा ना डालें।
छावनी में तब्दील हुआ गांव
गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस के बड़े अधिकारी खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह ग्रामीण और पुलिस की झड़प हो रही है और पुलिस के डंडे से घायल ग्रामीण महिला और युवा लड़कियों की क्या स्थिति है