Purnia Airport : पूर्णिया एयरपोर्ट को मिले पंख, निर्माण कार्य लगभग पूरा, पीएम इस दिन करेंगे उद्घाटन
Purnia Airport : पूर्णिया की ज़मीन अब आसमान से जुड़ने को तैयार है। सीमांचल के दिल में बसे इस शहर का सपना, जो वर्षों से केवल काग़ज़ों पर परवान चढ़ रहा था, अब हकीकत के रनवे पर उतरने जा रहा है।..

Purnia Airport : पूर्णिया की ज़मीन अब आसमान से जुड़ने को तैयार है। सीमांचल के दिल में बसे इस शहर का सपना, जो वर्षों से केवल काग़ज़ों पर परवान चढ़ रहा था, अब हकीकत के रनवे पर उतरने जा रहा है। पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है और 75 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक़ चला, तो 15 अगस्त 2025, यानी स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके उद्घाटन की सौग़ात सीमांचल को दे सकते हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की निगरानी में बन रहे इस हवाई अड्डे के 33.99 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अंतरिम टर्मिनल भवन का कार्य अगस्त 2025 के मध्य तक पूरा होने की संभावना है। निर्माण एजेंसी ने अपने स्तर से 15 अगस्त की डेडलाइन तय की है।
इस परियोजना की शुरुआत वर्ष 2015 में 'उड़ान योजना' के तहत हुई थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण और तकनीकी अड़चनों के चलते यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक ठप रहा। आज जब 69 एकड़ जमीन पर आधुनिक एयरपोर्ट की संरचना तैयार हो रही है, तो यह केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि सीमांचल के भविष्य का आधार बन रहा है।
सांसद पप्पू यादव, जो खुद इस परियोजना के प्रबल समर्थक रहे हैं, ने जुलाई में AAI के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और निर्माण को रफ़्तार देने के निर्देश दिए। वहीं जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने एयरपोर्ट तक चार प्रमुख मार्गों की योजना साझा की हरदा, सतकोदरिया, चूनापुर डीएवी और एक नव प्रस्तावित नया रास्ता।
विशेष बात यह है कि पूर्णिया एयरपोर्ट का 2.8 किलोमीटर लंबा रनवे, बिहार का सबसे लंबा रनवे होगा, जो न केवल 19-सीटर विमानों बल्कि बड़े जहाजों को भी सहजता से उतारने-उड़ाने की क्षमता रखता है।
पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जैसे ज़िलों को जोड़ने के साथ-साथ यह हवाई अड्डा झारखंड, बंगाल और नेपाल तक की सीमाओं को भी आसमान से जोड़ने जा रहा है। पटना, गया और दरभंगा के बाद यह बिहार का चौथा परिचालित एयरपोर्ट होगा।
यह न केवल सीमांचल और कोसी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई देगा, बल्कि लोगों के लिए स्वप्न समान कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा। रोज़गार, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में यह एक "गति-पथ" बनकर उभरेगा। सबसे महत्वपूर्ण इस हवाई अड्डे को आने वाले 30–40 वर्षों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, जहाँ अत्याधुनिक सुविधाएँ और टेक्नोलॉजिकल नवाचार इसे देश के अग्रणी हवाई ठिकानों की सूची में शामिल करेंगे।