Bihar News : रेलवे में 12 घंटे की ड्यूटी प्रणाली पर फिर उठे सवाल, सहरसा में शंटिंग के दौरान दो रेलकर्मी हुए जख्मी

SAHARSA : रेलवे में कर्मचारियों से 12 घंटे की ड्यूटी लिए जाने की व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही में सहरसा में शंटिंग के दौरान दो रेलकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक, पंकज कुमार का एक पैर कटकर अलग हो गया। यह हादसा न सिर्फ रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि कर्मचारियों की लंबी ड्यूटी प्रणाली की भी पोल खोलता है।
रेलवे कर्मचारियों की यूनियन और कई सामाजिक संगठनों ने वर्षों से यह मुद्दा उठाया है कि 12 घंटे की लगातार ड्यूटी से न केवल कर्मचारियों की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि इससे दुर्घटनाओं की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। थकावट, नींद की कमी, और मानसिक तनाव के चलते कर्मचारी अक्सर जानलेवा स्थितियों में फंस जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यवस्था कर्मचारियों के मानवाधिकारों का भी उल्लंघन करती है।
"रेलवे को चाहिए कि वह कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे, और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप 8 घंटे की ड्यूटी प्रणाली लागू करे," एक यूनियन नेता ने कहा। इस घटना के बाद कर्मचारी संगठनों ने एक बार फिर रेलवे मंत्रालय से मांग की है कि ड्यूटी घंटों की समीक्षा की जाए और पर्याप्त आराम, सुरक्षा उपाय और मानवीय कार्य शर्तें सुनिश्चित की जाए।
सहरसा से दिवाकर कुमार दिनकर की रिपोर्ट