Saharsa Police: सहरसा में पुलिस बर्बरता, पंचायत भवन निर्माण को लेकर विरोध कर रही महिलाओं पर जमकर बरसाई लाठी, कई घायल

Saharsa Police: पुलिस ने विरोध कर रही महिलाओं पर लाठियों से हमला किया।यहीं नहीं महिलाओं को घसीट-घसीट कर मारा गया।

Police brutality lathi charge
सहरसा में पुलिस बर्बरता- फोटो : Reporter

Saharsa Police:  सहरसा जिले के सोनवर्षा राज प्रखंड अंतर्गत काशनगर थाना क्षेत्र के पड़ड़िया गांव में पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों द्वारा ज़मीन अधिग्रहण के विरोध के दौरान पुलिस की बर्बर कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि महिलाओं को बेरहमी से पीटा गया है।इस घटना में कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

क्या है मामला?

पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए अंचलाधिकारी द्वारा भूमि अधिग्रहण किया गया था। लेकिन जब प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल निर्माण स्थल पर पहुंचे, तो ग्रामीणों ने विरोध जताया। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद काशनगर थाना पुलिस ने कथित तौर पर बल प्रयोग किया।

महिलाओं पर पुलिस की बर्बरता

प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो फुटेज के अनुसार, पुलिस ने विरोध कर रही महिलाओं पर लाठियों से हमला किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि महिलाओं को घसीट-घसीट कर मारा जा रहा है। यह दृश्य देख जनता में भारी आक्रोश है और लोग प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल उठा रहे हैं

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डीएसपी मुकेश कुमार ठाकुर का बयान

घटना के संबंध में डीएसपी श्री मुकेश कुमार ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि,“अंचलाधिकारी द्वारा की गई ज़मीन अधिग्रहण प्रक्रिया का कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस द्वारा सिर्फ हल्का बल प्रयोग किया गया। मामले की जांच की जा रही है।”हालांकि, वीडियो फुटेज में जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे ‘हल्के बल प्रयोग’ के दावे पर सवाल खड़े करती हैं।



सरकार की साख पर सवाल

घटना के बाद विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां एक तरफ महिला सशक्तिकरण और 50% आरक्षण की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ की गई बर्बरता इन दावों को झूठा साबित कर रही है।

सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस की आलोचना हो रही है। यूज़र्स पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और महिलाओं के सम्मान की रक्षा की अपील कर रहे हैं। यह घटना केवल एक पुलिसिया बर्बरता नहीं, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता की मिसाल बनती जा रही है। अब देखना यह है कि क्या इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होती है या नहीं, और क्या पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल पाएगा।

रिपोर्ट- दिवाकर कुमार दिनकर 

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