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Bihar News : बिहार के मंत्री की गाड़ी दो साल से फैला रही प्रदूषण, सत्ता की हनक के आगे बेबस प्रशासन

Bihar News : बिहार सरकार के मंत्री की गाड़ी पिछले दो साल से प्रदुषण फैला रही है. लेकिन आज तक न ही उनका चालान कटा है और न उन्होंने पॉल्यूशन प्रमाण पत्र बनावाया है.....पढ़िए आगे

Bihar News :  बिहार के मंत्री की गाड़ी दो साल से फैला रही प्रदूषण, सत्ता की हनक के आगे बेबस प्रशासन
मंत्री की गाडी फैला रही प्रदुषण - फोटो : social media

SASARAM : बिहार सरकार में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार की गाड़ी पिछले दो सालों से प्रदूषण फैलाती पाई गई है। मंत्री की गाड़ी का पॉल्यूशन प्रमाण पत्र अक्टूबर 2022 से ही फेल है, लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी लगातार नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़कों पर दौड़ रही है।

सत्ता की हनक के आगे बेबस परिवहन विभाग

बड़े अधिकारियों और आम जनता को प्रदूषण प्रमाण पत्र के बिना गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना भरना पड़ता है, लेकिन मंत्री जी की गाड़ी पर परिवहन विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। ना चालान कटा और ना ही मंत्री जी ने अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने की जरूरत समझी। आखिर वे राज्य के पर्यावरण मंत्री जो ठहरे!

डेहरी में पहुंचे थे पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में

मंत्री डॉ. सुनील कुमार रविवार को डेहरी स्थित एनीकट में पार्क निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सासाराम स्थित भाजपा के पार्टी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर बड़ी-बड़ी बातें कीं और केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। लेकिन जब उनके वाहन के कागजात की जांच की गई तो पता चला कि उनकी गाड़ी अक्टूबर 2022 से पॉल्यूशन फेल है।

पॉल्यूशन फेल पर मंत्री ने साधी चुप्पी

प्रेस वार्ता के दौरान जब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से उनकी गाड़ी के पॉल्यूशन फेल होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। पत्रकारों के सवालों से बचते हुए वे आगे बढ़ गए और कोई जवाब नहीं दिया।

मंत्री ही जब नियम तोड़ेंगे तो आम जनता से क्या उम्मीद?

बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार के मंत्री ही नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जाए? इससे पहले भी मुख्यमंत्री समेत सरकार के कई मंत्रियों की गाड़ियों का चालान कट चुका है। ऐसे मामलों से सरकार की छवि धूमिल होती है और जनता के बीच गलत संदेश जाता है। अब देखना होगा कि इस मामले पर सरकार और परिवहन विभाग कोई कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी राजनीतिक रसूख के आगे दबकर रह जाएगा।

सासाराम से रंजन की रिपोर्ट

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