bihar railway news - रेलवे की जमीन पर दशकों से चल रहे पीएचईडी कार्यालयों को खाली करने के लिए ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने भेजा नोटिस
bihar railway news - रेलव की जमीन पर दशकों से चल रहे पीएचईडी के कार्यालयों को खाली करने का नोटिस मिला है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने इस जमीन को वापस लेने के लिए विभाग को नोटिस भेज है। रेलवे इस जमीन पर अपनी योजनाओं का विस्तार करना चाहती है।

Sasaram :- सासाराम रेलवे स्टेशन के दक्षिण एवं पुरानी जीटी रोड के उत्तर दिशा में स्थित रेलवे की भूमि पर कई दशकों से संचालित लोक स्वास्थ्य विभाग (पीएचईडी) के सभी कार्यालयों को खाली करने के लिए ईस्ट सेंट्रल रेलवे के मुगलसराय स्थित डीआरएम कार्यालय ने नोटिस जारी किया है। इस नोटिस ने पीएचईडी विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और शहरवासियों को भी पेयजल संकट का डर सताने लगा है।
रेलवे द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि लोक स्वास्थ्य विभाग रेलवे की भूमि पर अनधिकृत रूप से कब्जा कर अपने कार्यालय चला रहा है। साथ ही रेलवे ने कारण बताओ नोटिस जारी कर यह भी पूछा है कि क्या विभाग आदेश में उल्लेखित अवधि के भीतर रेलवे परिसर को खाली कर सकता है?
पीएचईडी और रेलवे के बीच हुआ था एग्रीमेंट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कई दशक पूर्व रेलवे एवं पीएचईडी विभाग के बीच पेयजल आपूर्ति को लेकर एक एग्रीमेंट हुआ था। इस समझौते के तहत रेलवे ने अपनी भूमि पीएचईडी विभाग को लीज पर दी थी ताकि शहर में सुचारू रूप से पेयजल आपूर्ति हो सके। लेकिन अब यही भूमि रेलवे के विस्तारीकरण योजना में बाधा बन रही है। इसी कारण रेलवे ने पीएचईडी विभाग को नोटिस भेजकर भूमि को खाली करने का आदेश दिया है।
पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता नंदकिशोर प्रसाद ने बताया कि रेलवे की ओर से दो से तीन बार नोटिस प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के वरीय अधिकारियों को पत्राचार कर इस समस्या से अवगत करा दिया गया है। साथ ही रोहतास जिलाधिकारी को भी पूरे मामले की जानकारी दी गई है।
शहर में पेयजल संकट गहराने की आशंका
रेलवे के इस नोटिस से न केवल पीएचईडी विभाग बल्कि सासाराम के स्थानीय निवासियों के सामने भी एक गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। लगभग छह दशकों से रेलवे की इस भूमि पर लोक स्वास्थ्य विभाग के कुल चार कार्यालय संचालित हो रहे हैं। इस परिसर में जल मीनार, संप हाउस और विभागीय कर्मियों के आवास भी बने हुए हैं। साथ ही यही परिसर सासाराम शहर में पेयजल आपूर्ति को नियंत्रित करता है।
ऐसे में यदि रेलवे अपनी भूमि खाली कराता है, तो शहर में पानी की आपूर्ति बाधित हो सकती है और यह समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। अब देखना होगा कि रेलवे की इस नोटिस के बाद पीएचईडी विभाग क्या कदम उठाता है और रेलवे को अपनी भूमि खाली कराने में कितना समय लगता है।
रिपोर्ट - रंजन राजपूत